
जस्टिस रंजन गोगोई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे रंजन गोगोई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्ति को दी मंजूरी
तीन अक्टूबर को शपथ लेंगे रंजन गोगोई
President of India has appointed Justice Ranjan Gogoi as the next Chief Justice of India. He will assume office on 3rd October, 2018 after the retirement of the current Chief Justice, Justice Dipak Misra. pic.twitter.com/UAIe6P8qNV
— ANI (@ANI) September 13, 2018
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट में कैसे होती है चीफ जस्टिस की नियुक्ति, कौन होता है योग्य, जानें सब कुछ
जस्टिस रंजन गोगोई उन चार जजों में शामिल थे जिन्होंने जनवरी महीने में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहते हुए आलोचना की थी कि वह मामलों के आवंटन में सुप्रीम कोर्ट के मास्टर ऑफ द रोस्टर होने के अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं. वतर्मान में वह असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) मामले की सुनवाई कर रहे हैं. 2012 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने जस्टिस गोगोई को मृदुभाषी लेकिन बेहद सख्त जज के रूप में जाना जाता है.
यह भी पढ़ें : जब जस्टिस दीपक मिश्रा ने की आधी रात को सुनवाई, ये हैं उनके 5 ऐतिहासिक फैसले
वकालत करते हुए बने जज
18 नवंबर 1954 को जन्मे रंजन गोगोई ने 1978 में बतौर वकील अपना पंजीकरण कराया. फिर गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकालत करने लगे. फिर 28 फरवरी 2001 को वह स्थाई जज बने. 9 सितंबर 2010 को उनका ट्रांसफर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के लिए हुआ. 12 फरवरी 2011 को जस्टिस रंजन गोगोई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हुए. फिर 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए.
यह भी पढ़ें : जस्टिस रंजन गोगोई के कई फैसले रहे हैं चर्चा में, पिता केशब चंद्र रह चुके हैं कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री
रंजन गोगोई ने दिए कई अहम फैसले
सुप्रीम कोर्ट की कई पीठों का हिस्सा रहने के दौरान जस्टिस रंजन गोगोई अहम फैसले दे चुके हैं. चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा व चल रहे मुकदमों का ब्योरा देने के लिए आदेश देने वाली पीठ में रंजन गोगोई भी शामिल थे. मई 2016 में जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस पीसी पंत की पीठ ने मुंबई हाईकोर्ट के 2012 के उस ऑर्डर को निरस्त कर दिया था, जिसमें कौन बनेगा करोड़पति शो से अमिताभ की कमाई के असेसमेंट पर रोक लगाई गई थी. दरअसल इनकम टैक्स विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर आरोप लगाया था कि 2002-03 के दौरान हुई कमाई पर अमिताभ ने 1.66 करोड़ रुपये कम टैक्स चुकाया था.
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस कौन? कानून मंत्रालय ने मांगा प्रस्ताव : सूत्र
काटजू ने फैसले पर उठाया था सवाल
एक फरवरी 2011 को केरल में ट्रेन में 23 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार की घटना हुई थी. यह मामला सुर्खियों में रहा था. आरोपी ने बोगी में बलात्कार के बाद युवती को ट्रेन से फेंक दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई थी. बलात्कार के इस बहुचर्चित केस में निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने आरोपी को फांसी के फंदे से पहुंचने से रोक दिया और सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया. यह आदेश उन्होंने 15 अक्टूबर 2016 को दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सामाजिक कार्यकर्ताओं के स्तर से तीखी आलोचना हुई. खुद पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने शीर्ष अदालत के फैसले को गलत बताते हुए ब्लॉग लिखकर सवाल खड़े किए थे. इस पर जस्टिस रंजन गोगोई ने केस में बहस के लिए और फैसले में‘बुनियादी खामियों’’ को बताने के लिए व्यक्तिगत रूप से जस्टिस काटजू को तलब किया था.
VIDEO : CJI पद के लिए जस्टिस गोगोई के नाम की सिफारिश
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं