सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) एसए बोबडे (Justice SS Bobde) ने पूर्व सीजेआई गोगोई (Justice Gogoi) की आत्मकथा “जस्टिस फॉर द जज” (Justice for the Judge) का लोकार्पण किया. पुस्तक का लोकार्पण करते हुए जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि ''लोहे की कलम और हीरे की नोक से लिखी गई है ये आत्मकथा. आत्मकथा उनकी होती है जिनका जीवन उन मूल्यों के मानदंड पर खरा उतरता है जो प्रेरणा से भरे हैं.''
जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि ''कई बार जस्टिस गोगोई ने सख्त सवाल पूछकर याचिकाएं खारिज कीं. वे छोटे, सरल, सहज वाक्य लिखते हैं. बचपन में ही इनके पिता ने कहा था कि उनके बेटे में CJI बनने के सारे गुण और योग्यता है. आप चीफ जस्टिस हुए और वंडरफुल CJI हुए. आपकी आत्मकथा हमारे हाथ में है.''
जस्टिस बोबडे ने कहा कि आपने (जस्टिस गोगोई) CJI बनने के फौरन बाद कहा कि ''मेरा और आपका दोनों का कार्यकाल छोटा है. अक्सर CJI कोई भी फैसला लेने में यह सोचकर हिचकते हैं कि उनके बाद इन कदमों पर अमल कैसे होगा, लेकिन मैं आपका कार्यकाल भी अपने कार्यकाल के साथ मानकर चल रहा हूं. मेरे उठाए गए कदमों को आप आगे बढ़ाएंगे. इस तरह उनका और मेरा कार्यकाल हमारा कार्यकाल हो गया.''
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