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This Article is From Oct 12, 2018

#MeToo पर बोलीं केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी, 'समिति गठित कर होगी हर मामले की जांच'

केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि #MeToo मामलों की जन सुनवाई के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की चार सदस्यीय समिति गठित की जाएगी.

#MeToo पर बोलीं केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी, 'समिति गठित कर होगी हर मामले की जांच'
केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी (फाइल फोटो)
Quick Take
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समिति गठित कर होगी #मीटू मामले की जांच
मेनका गांधी ने कही यह बात
सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की चार सदस्यीय समिति गठित की जाएगी
नई दिल्ली: मी-टू को लेकर बढ़ती शिकायतों और आरोपों से निपटने के लिए भारत सरकार ने रिटायर्ड जजों की एक विशेष कमेटी गठित करने का ऐलान किया है. ये कमेटी स्वतंत्र तरीके से यौन शोषण के मामलों की तहकीकात कर सरकार को आगे का रास्ता सुझाएगी. महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया. उन्‍होंने कहा, 'वरिष्ठ न्यायाधीश, कानूनी विशेषज्ञों वाली प्रस्तावित समिति मी टू से उत्पन्न सभी मुद्दों को देखेगी. मैं प्रत्येक शिकायत की पीड़ा और सदमा समझ सकती हूं.' उन्होंने कहा कि मै हर शिकायत के पीछे का दर्द समझ सकती हूं. काम पर यौन उत्पीड़न के मामले को जीरो टोलरेंस के साथ नीति के साथ निपटाया जाना चाहिए.

विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर समेत कई प्रभावशाली लोगों पर बढ़ते आरोपों के बीच महिला और बाल कल्याण मंत्रालय ने चार रिटायर्ड जजों की एक कमेटी गठित करने का फैसला किया है जो मीटू से जुड़े तमाम मामलों की समीक्षा करेगी. मेनका गांधी ने कहा, "हमने एक चार जजों की कमेटी गठित की है जो स्वतंत्र तरीके से इस तरह के मामलों की समीक्षा करेंगे और हमें सलाह देगें की आगे हमें और क्या करने की ज़रूरत होगी." इससे पहले सोमवार को मेनका गांधी ने कहा था कि 10 से 15 साल पुराने यौन शोषण के मामलों की शिकायत करने की अनुमति दी जानी चाहिये. मेनका कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर इस बारे में गुज़ारिश भी कर चुकी हैं.

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मेनका गांधी ने कहा, 'हमने न्यायधीशों का एक समूह बनाया है, जो कुछ मामलों को एक मुक्त और स्वतंत्र शैली में जाचेंगे और उन्हें सलाह देंगे कि अब यहां से कहां जाएं' महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों को 10-15 साल बाद भी अनुमति दी जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने खुशी जताई कि #MeToo अभियान ने महिलाओं को उनके खिलाफ किए गए अपराधों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित किया.
 
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उन्होंने सोमवार को कहा, "आप हमेशा उस व्यक्ति को याद करेंगे, जिसने आपके साथ गलत किया है. यही कारण है कि हमने कानून मंत्रालय को लिखा है कि शिकायतें बिना किसी सीमा के होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "अब आप 10-15 साल बाद शिकायत कर सकते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितने दिन बाद मामले की शिकायत की है. अगर, आप शिकायत करने जा रहे हैं तो एवेन्यू अभी भी खुला है," मेनका गांधी ने कहा कि यौन उत्पीड़न मामले को लेकर गुस्सा कभी खत्म नहीं होता.

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उधर बांबे हाई कोर्ट के जज जस्टिस गौतम पटेल ने मी-टू मुहीम का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि यौन शोषण के बारे में बात करने के लिए काफी ताकत की ज़रूरत होती है. हमारा समाज इतना रूढ़िवादी और पक्षपाती है कि महिलाओं को खुलकर बोलने की इज़ाज़त भी नहीं है. न्यायपालिका में भी rampant sexism और culture of patriarchy है. अमेरिका में अभिनेता बिल कोस्बी के खिलाफ जिस तरह सबूत जुटाकर कानूनी कार्रवाई की गयी वैसा भारत में ही होना चाहिये. बिल कोस्बी को पिछले महीने 14-साल पुराने यौन शोषण के मामले में दोषी करार दिया गया है.

साफ है जिस तरह से यौन शोषण से जुड़े आरोपों की संख्या भारत में बढ़ती जा रही है. सरकार पर हर पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए दबाव भी बढ़ता जा रहा है.

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