यह ख़बर 15 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

...अगर संसद चलाने की कीमत JPC है तो होने दें

खास बातें

  • नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि संसद में चर्चा से पहले जेपीसी गठित नहीं होनी चाहिए।
नई दिल्ली:

टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जेपीसी से जांच कराने की विपक्ष की मांग पर नरमी का संकेत देते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि देश की सर्वोच्च पंचायत संसद में चर्चा के जरिए इस बात का समाधान खोजना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, सरकार और पार्टी का मत सदन के नेता प्रणव मुखर्जी स्पष्ट कर चुके हैं। सरकार का मत है कि संसद की कार्यवाही चलनी चाहिए और देश की सर्वोच्च पंचायत में चर्चा से मुद्दों का समाधान निकाला जाना चाहिए। उनसे सवाल किया गया था कि क्या क्या टूजी मामले की जेपीसी से जांच कराने की विपक्ष की मांग के प्रति सरकार का रूख नरम हुआ है और अगर ऐसा है तो जेपीसी का गठन कब होगा। उन्होंने कहा कि जेपीसी का इस्तेमाल एक ढाल की तरह नहीं होना चाहिए। उनकी पार्टी संसद में चर्चा के लिए हमेशा तैयार है। संसद में चर्चा के दौरान विचारों के आदान-प्रदान से ही मसले का हल निकाला जा सकता है। तिवारी ने कहा, लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था को काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कांग्रेस इसके प्रति प्रतिबद्ध है। विपक्ष को भी चर्चा से नहीं भागना चाहिए। इसके पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सोमवार को एक बैठक में इस मुद्दे पर विचार कर चुका है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि अगर संसद चलाने की कीमत जेपीसी है तो इसे होने दें। लेकिन संसद में चर्चा से पहले जेपीसी गठित नहीं होनी चाहिए।


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