
कोलकाता में पुलिस ने शनिवार को एसएसकेएम अस्पताल के बाहर मीडियाकर्मियों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस मीडिया वालों को निलंबित तृणमूल कांग्रेस सांसद कुणाल घोष की तस्वीरें लेने से रोक रही थी।
गुरुवार रात को कुणाल घोष ने जेल में आत्महत्या की कोशिश की थी। आज जब घोष को क्रिटिकल केयर यूनिट से अस्पताल के दूसरे कॉम्प्लेक्स में ईईजी के लिए ले जाया जा रहा था, तब घोष ने मीडिया को बताया कि शारदा घोटाले में असली मुजरिमों को गिरफ्तार किया जाए।
बाद में जब घोष को बांगुर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजी से एसएसकेएम वापस लाया गया, तो पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों के बीच नोक-झोंक हो गई, क्योंकि संवाददाताओं ने घोष से सवाल पूछने की कोशिश की। जैसे ही घोष के साथ सिपाहियों का दल आया, पुलिस ने चारों तरफ से उस जगह को घेर लिया और पत्रकारों को उनके पास जाने से रोक दिया।
इसके बाद मीडियाकर्मियों और पुलिसकर्मियों के बीच भिड़ंत हो गई। बाद में डीसी (दक्षिण), मुरलीधर शर्मा ने कहा, अगर पुलिस की तरफ से कुछ हुआ है, तो मैं कार्रवाई करूंगा। लेकिन पहले मैं देखूंगा कि क्या हुआ। जब यह बताया कि नोक-झोंक के वक्त वह भी घटनास्थल पर मौजूद थे, तो शर्मा ने कहा, मैं हर जगह नहीं देख सकता।
जेल में खुदकुशी की कथित कोशिश करने वाले तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने दावा किया कि शारदा घोटाले में दोषी और जिम्मेदार लोग खुले घूम रहे हैं और उन्होंने ऐसे लोगों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जब उन्हें कोर्ट में पेश किया था, तो उन्होंने धमकी दी थी कि शारदा घोटाले में जिन लोगों का उन्होंने नाम लिया है, सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं करती है, तो वह आत्महत्या कर लेंगे।
(इनपुट भाषा से भी)
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