जेएनयू में छात्रों का प्रदर्शन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षक मंगलवार को देशद्रोह के मामले में विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के विरोध में छात्रों द्वारा किए जा रहे कक्षाओं के बहिष्कार में शामिल हो गए और कहा कि वे विश्वविद्यालय लॉन में ‘राष्ट्रवाद’ पर कक्षाएं लेंगे। छात्र कल जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई और उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला हटाने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे।
कल पटियाला हाउस अदालत परिसर में कन्हैया की पेशी के दौरान दस शिक्षकों और एक छात्र समूह पर हमला किया गया था जिसके बाद शिक्षक संघ ने कक्षाओं के बहिष्कार में छात्रों के साथ शामिल होने का फैसला किया।
हमले का शिकार बने वाले जेएनयू शिक्षक रोहित आजाद ने कहा, ‘‘प्रशासन न केवल छात्रों, बल्कि शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है और हम पर खुलेआम हमला किया जा रहा है जबकि कुलपति चुपचाप सब देख रहे हैं। सत्ता में बैठे कुछ लोगों के दुष्प्रचार के आधार पर पूरी दुनिया अब जेएनयू को राष्ट्र विरोधियों का गढ़ कह रही है। समय आ गया है कि हम अपने छात्रों को सिखाएं कि राष्ट्रवाद क्या है।’’ हर शाम पांच बजे प्रशासनिक खंड के सामने ‘राष्ट्रवाद’ पर डेढ़ घंटे लंबा व्याख्यान देंगे।
कन्हैया को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर उस पर देशद्रोह और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया। कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी की गई। उसकी गिरफ्तारी को लेकर जेएनयू के छात्रों एवं शिक्षकों में काफी आक्रोश है और विपक्षी दलों ने इसकी कड़ी आलोचना की है।
जेएनयू शिक्षकों ने इससे पहले प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए परिसर में पुलिस की कार्रवाई को मंजूरी देने के विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले पर सवाल किया था। उन्होंने जनता से संस्थान को ‘राष्ट्र विरोधी’ ‘करार’ न देने की अपील की थी। हालांकि वे हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कल पटियाला हाउस अदालत परिसर में कन्हैया की पेशी के दौरान दस शिक्षकों और एक छात्र समूह पर हमला किया गया था जिसके बाद शिक्षक संघ ने कक्षाओं के बहिष्कार में छात्रों के साथ शामिल होने का फैसला किया।
हमले का शिकार बने वाले जेएनयू शिक्षक रोहित आजाद ने कहा, ‘‘प्रशासन न केवल छात्रों, बल्कि शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है और हम पर खुलेआम हमला किया जा रहा है जबकि कुलपति चुपचाप सब देख रहे हैं। सत्ता में बैठे कुछ लोगों के दुष्प्रचार के आधार पर पूरी दुनिया अब जेएनयू को राष्ट्र विरोधियों का गढ़ कह रही है। समय आ गया है कि हम अपने छात्रों को सिखाएं कि राष्ट्रवाद क्या है।’’ हर शाम पांच बजे प्रशासनिक खंड के सामने ‘राष्ट्रवाद’ पर डेढ़ घंटे लंबा व्याख्यान देंगे।
कन्हैया को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर उस पर देशद्रोह और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया। कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी की गई। उसकी गिरफ्तारी को लेकर जेएनयू के छात्रों एवं शिक्षकों में काफी आक्रोश है और विपक्षी दलों ने इसकी कड़ी आलोचना की है।
जेएनयू शिक्षकों ने इससे पहले प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए परिसर में पुलिस की कार्रवाई को मंजूरी देने के विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले पर सवाल किया था। उन्होंने जनता से संस्थान को ‘राष्ट्र विरोधी’ ‘करार’ न देने की अपील की थी। हालांकि वे हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे।
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