राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता अजय आलोक ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर जोरदार हमला बोला. मंगलवार को नीतीश कुमार द्वारा प्रशांत किशोर पर दिए गए बयान के बाद अजय आलोक ने पहले प्रशांत किशोर को 'कोरोना वायरस' बताया फिर एक ट्वीट कर उन्होंने उनके राजनीतिक विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए. इसके साथ ही राजनीतिक विमर्श को दूषित करने का भी आरोप लगाया है.
अजय आलोक ने अपने ट्वीट में लिखा, 'राजनीतिक विश्वसनीयता और रणनीतिकार दोनों का एक साथ होना ज़रूरी हैं. रणनीति तो ऐसी रही की UP में राहुल को खटिया पकड़वा दिए और कांग्रेस 27 से 7 हो गई ,UP के दो बालक दुश्मन बन गए और विश्वसनीयता के क्या कहने? कभी एक डाल कभी दूसरा पात, जहां चारा वहां मुंह मारा, राजनीतिक विमर्श दूषित किया.'
राजनीतिक विश्वसनीयता और रणनीतिकार दोनो का एक साथ होना ज़रूरी हैं । रणनीति तो ऐसी रही की UP में राहुल को खटिया पकरवा दिए cong 27 se 7 हो गयी ,UP के दो बालक दुश्मन बन गए और विश्वसनीयता का क्या कहने ? कभी एक डाल कभी दूसरा पात , जहाँ चारा वहाँ मुँह मारा , राजनीतिक विमर्श दूषित किया
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) January 29, 2020
बता दें कि इससे पहले एक ट्वीट में उन्होंने प्रशांत किशोर की तुलना कोरोनावायरस से की थी. अजय आलोक ने कहा था, 'यह शख्स भरोसे के काबिल नहीं है. वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी और (बिहार के मुख्यमंत्री) नीतीश जी का भरोसा नहीं जीत पाया, वह आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए काम करता है, (कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष) राहुल गांधी से बात करता है, (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ममता दीदी के साथ बैठता है... इस पर कौन भरोसा करेगा...? हम खुश हैं कि यह कोरोनावायरस (Coronavirus) हमें छोड़कर जा रहा है... वह जहां जाना चाहे, जा सकता है..."
JDU नेता ने प्रशांत किशोर को बताया 'कोरोना वायरस', कहा,- हम खुश हैं कि...
बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर प्रशांत किशोर लगातार JDU पर हमलावर रहे हैं. जिसके बाद मंगलवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के कहने पर पार्टी में रखा था, अब उन्हें रहना है तो रहें नहीं तो जाएं. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर उन्हें रहना है तो पार्टी के बुनियादी ढांचे को अंगीकार करना होगा. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पटना में एक संवादाता सम्मेलन में कहा था कि सब लोग आज़ाद हैं अपनी अपनी राय रखने के लिए. उन्होंने पार्टी नेता पवन वर्मा पर कहा कि एक व्यक्ति क्या चिट्ठी लिखी उसपर हमने कह दिया है. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना कहा कि कोई ट्वीट कर रहा है... तो ट्वीट करें हमें क्या कहना है... क्या मतलब है? नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक किसी की इच्छा रहेगी पार्टी में रहने की, वो रहेगा, जाना चाहेगा तो जाएगा. इस बीच जनता दल यूनाइडेट ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से बाहर का का रास्ता दिखा दिया है.
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