Janmashtami 2018: आज पूरे देश में धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जा रही है
नई दिल्ली:
आज पूरे देश में धूमधाम से जन्माष्टमी (Janmashtami 2018) मनाई जा रही है. इस मौक़े पर भगवान श्री कृष्ण के घर मथुरा में ख़ास तैयारियां हैं. इस अवसर पर दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मथुरा-वृन्दावन एवं ब्रज के अन्य धर्मस्थलों की ओर उमड़ रहे हैं. मुरादाबाद के मंदिर भी धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मना रहे हैं. बाल गोपाल को दूध से नहलाया जा रहा है. वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं.
Krishna Janmashtami: पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे श्रद्धालुओं का मथुरा में तांता लगा हुआ है. मथुरा-वृन्दावन की ओर आने वाले हर मार्ग पर लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है. लोग मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के बांकेबिहारी, राधावल्लभ लाल, शाहबिहारी, राधारमण, अंग्रेजों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर, 21वीं सदी में बनाए गए स्नेह बिहारी व प्रेम मंदिर, बरसाना के लाड़िली जी, नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर, गोकुल के नन्दभवन आदि की ओर पैदल ही जा रहे हैं. हर तरफ कान्हा के जन्म को लेकर उल्लास छाया हुआ है. जगह-जगह प्रभु का प्रसाद बांटा जा रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुरक्षा के खासे प्रबंध किए गए हैं. मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की ओर से श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले हर चौराहे- रास्ते को बड़ी ही शिद्दत से सजाया गया है.
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सोमवार की रात्रि में भगवान के जन्म के अवसर 12.00 बजे से 12.10 बजे तक प्रकट्योत्सव, 12.15 से 12.30 बजे तक महाभिषेक कराया जाएगा. तत्पश्चात 12.40 से 12.50 बजे तक श्रृंगार आरती और फिर 1.30 बजे तक दर्शन होंगे. द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह 6.00 से 6.15 बजे मंगला, 6.30 से श्रृंगार और 8.30 बजे से ग्वाल राजभोग के दर्शन होंगे. शाम को 7.30 बजे से भोग संध्या आरती और शयन के दर्शन होंगे. रात को 10 बजे से जागरण और 11.45 बजे भगवान जन्म के दर्शन होंगे. दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में सोमवार रात जन्मोत्सव मनाने के बाद अगले दिन नंदोत्सव के दौरान लट्ठा के मेला का आयोजन होगा. अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी के लिए तैयारियां की गयी हैं.
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इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता ने बताया कि जन्मोत्सव पर अष्टप्रहर आरती होगी. लंदन में तैयार हुई ठाकुरजी की पोशाक धारण कराई जाएगी. रात 9 बजे से हरिनाम संकीर्तन के साथ बारह बजे तक ठाकुरजी का महाभिषेक होगा. इसके बाद महाआरती होगी. ब्रज के हर घर में कान्हा के जन्म का उत्सव मनाया जाएगा. यहां परंपरा है कि दिन भर व्रत रखकर मध्य रात्रि में खीरे का चीरा लगाकर शालिग्राम की बटिया के रूप में ठाकुर के जन्म की परंपरा निभाई जाती है. जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया, ‘कृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर सहित पूरे शहर को तीन जोन व 16 सेक्टर में बांटकर 3000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.’
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देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे श्रद्धालुओं का मथुरा में तांता लगा हुआ है. मथुरा-वृन्दावन की ओर आने वाले हर मार्ग पर लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है. लोग मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के बांकेबिहारी, राधावल्लभ लाल, शाहबिहारी, राधारमण, अंग्रेजों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर, 21वीं सदी में बनाए गए स्नेह बिहारी व प्रेम मंदिर, बरसाना के लाड़िली जी, नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर, गोकुल के नन्दभवन आदि की ओर पैदल ही जा रहे हैं. हर तरफ कान्हा के जन्म को लेकर उल्लास छाया हुआ है. जगह-जगह प्रभु का प्रसाद बांटा जा रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुरक्षा के खासे प्रबंध किए गए हैं. मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की ओर से श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले हर चौराहे- रास्ते को बड़ी ही शिद्दत से सजाया गया है.
जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मैं सभी भारतवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं का सबके लिए एक प्रमुख संदेश है; ‘निष्काम कर्म'। जन्माष्टमी का यह पर्व हमें मन, वचन और कर्म से शील और सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 3, 2018
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सोमवार की रात्रि में भगवान के जन्म के अवसर 12.00 बजे से 12.10 बजे तक प्रकट्योत्सव, 12.15 से 12.30 बजे तक महाभिषेक कराया जाएगा. तत्पश्चात 12.40 से 12.50 बजे तक श्रृंगार आरती और फिर 1.30 बजे तक दर्शन होंगे. द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह 6.00 से 6.15 बजे मंगला, 6.30 से श्रृंगार और 8.30 बजे से ग्वाल राजभोग के दर्शन होंगे. शाम को 7.30 बजे से भोग संध्या आरती और शयन के दर्शन होंगे. रात को 10 बजे से जागरण और 11.45 बजे भगवान जन्म के दर्शन होंगे. दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में सोमवार रात जन्मोत्सव मनाने के बाद अगले दिन नंदोत्सव के दौरान लट्ठा के मेला का आयोजन होगा. अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी के लिए तैयारियां की गयी हैं.
Janmashtami greetings to everyone.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2018
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। जय श्रीकृष्ण!
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इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता ने बताया कि जन्मोत्सव पर अष्टप्रहर आरती होगी. लंदन में तैयार हुई ठाकुरजी की पोशाक धारण कराई जाएगी. रात 9 बजे से हरिनाम संकीर्तन के साथ बारह बजे तक ठाकुरजी का महाभिषेक होगा. इसके बाद महाआरती होगी. ब्रज के हर घर में कान्हा के जन्म का उत्सव मनाया जाएगा. यहां परंपरा है कि दिन भर व्रत रखकर मध्य रात्रि में खीरे का चीरा लगाकर शालिग्राम की बटिया के रूप में ठाकुर के जन्म की परंपरा निभाई जाती है. जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया, ‘कृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर सहित पूरे शहर को तीन जोन व 16 सेक्टर में बांटकर 3000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.’
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