जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. हालात के हिसाब से यहां पाबंदियों में भी छूट दी जा रही है. जम्मू-कश्मीर में फोन लाइनें भी अलग-अलग इलाकों में चरणबद्ध तरीके से बहाल होनी शुरू हो जाएंगी. साथ ही सोमवार से स्कूल भी 'क्षेत्रवार' तरीके से खोले जाएंगे. जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम (BVR Subrahmanyam) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर में ज्यादातर फोन लाइनें सप्ताहांत तक बहाल कर दी जाएंगी और स्कूल 'क्षेत्रवार' तरीके से सोमवार से खोले जाएंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि घाटी में शुक्रवार को सरकारी कार्यालयों में सामान्य ढंग से कामकाज हुआ और कई कार्यालयों में तो उपस्थिति 'बिल्कुल अच्छी' रही. उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को जब पाबंदियां लगाई गईं, तब से न किसी की जान गई और न कोई घायल हुआ. पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को निरस्त कर दिया गया था और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. उन्होंने कहा, 'अगले कुछ दिनों में पाबंदियों में व्यवस्थित तरीके से ढील दी जाएगी.'
सुरक्षा परिषद में 'कश्मीर मुद्दे' पर बैठक से बिफरी कांग्रेस, पीएम मोदी से की यह मांग
बता दें, इससे पहले कश्मीर में मीडिया पर लगे बैन को हटाने के लिए दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगले कुछ दिनों में कश्मीर से पाबंदियां हटा दी जाएंगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 'जमीनी हकीकत का रोजाना जायजा लिया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए.'
ब्लॉग: अनुच्छेद 370 तो हट गया, अब मोदी सरकार का अगला कदम क्या होगा...?
कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने धारा 370 के हटने के बाद घाटी में कामकाजी पत्रकारों पर लगी पाबंदियों को चुनौती दी है. याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए कहा, 'हमने सुबह पेपर में पढ़ा है कि लैंडलाइन सर्विस शुरू ही गई है. इस पर अनुराधा भसीन की ओर से कहा गया है कि सिर्फ कुछ लैंडलाइन चालू हैं. इस पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कश्मीर टाइम्स जम्मू से छपता है दिन पर दिन सेवाएं शुरू हो रही हैं. हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं.
शिवसेना बोली- पहले ट्रिपल तलाक, फिर अनुच्छेद 370 और अब जल्द लागू हो जाएगा यूनिफॉर्म सिविल कोड
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इनका अखबार रोज छप रहा है. सुरक्षा एजेंसी रोजाना नजर रख रही हैं. हालात का जायजा लिया जा रहा है. कोर्ट को एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए. कुछ दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे. सभी न्यूज पेपर रिलीज हो रहे है आखिर कश्मीर टाइम्स क्यों नहीं. हम रोज ही थोड़ा-थोड़ा कर के बैन हटा रहे हैं. हर रोज हम परिस्थितियों को देखकर ढील दी रहे हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं