राज्यपाल सत्यपाल मलिक.
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग होने के बाद राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अगर किसी भी पार्टी को सरकार बनाने का मौका देता तो राज्य में पहले जैसे ही हालात हो जाते. उन्होंने कहा, 'किसी को भी मौका देता तो बड़े पैमाने पर खरीद-फोरख्त होती. निकाय चुनाव में ईश्वर की कृपा से एक चिड़िया भी हताहत नहीं हुई. हमारी फोर्स अपनी जान की बाजी लगाकर राज्य में संतुलन लेकर आई है. आलम यह है कि राज्य में पत्थरबाजी कम हुई है. 60 आतंकवादी मारे गए. अगर सरकार बनाने का मौका देते तो राज्य में अस्थिर सरकार बनती, जिससे पहले जैसे हालात फिर बन जाते.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'मैंने यह फैसला राज्य के हित में लिया है. मेरे पास कोई आया नहीं, किसी ने विधायकों की परेड भी नहीं करवाई. मैंने किसी से बातचीत नहीं की. मैंने यह काम जम्मू-कश्मीर के संविधान के तहत किया है. जम्मू-कश्मीर के संविधान में प्रावधान है कि मुझे इस काम के लिए राष्ट्रपति या देश के संसद से अनुमति नहीं लेनी पड़ती. ये मेरा अधिकार था तो मैंने ऐसा किया. महबूबा मुफ्ती बहाने बाजी कर रही हैं. अगर उन्हें कुछ गलत लगता है तो वो कोर्ट जाएं. सोशल मीडिया से सरकार नहीं बनती. पार्टियां एक दिन पहले भी आ सकती थीं. किसी ने अपना आदमी तक नहीं भेजा.'
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इसके अलावा राज्यपाल ने कहा कि आगे क्या होगा वह चुनाव आयोग तय करेगा. मेरा काम राज्य का विकास करने का था, जो मैंने किया.
बता दें, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और एनसी के समर्थन के साथ बुधवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन उनके दावे का पत्र राजभवन फैक्स नहीं हो पाया था, जिसके बाद उन्होंने टि्वटर पर वह पत्र शेयर कर दिया था.
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साथ ही उन्होंने कहा, 'मैंने यह फैसला राज्य के हित में लिया है. मेरे पास कोई आया नहीं, किसी ने विधायकों की परेड भी नहीं करवाई. मैंने किसी से बातचीत नहीं की. मैंने यह काम जम्मू-कश्मीर के संविधान के तहत किया है. जम्मू-कश्मीर के संविधान में प्रावधान है कि मुझे इस काम के लिए राष्ट्रपति या देश के संसद से अनुमति नहीं लेनी पड़ती. ये मेरा अधिकार था तो मैंने ऐसा किया. महबूबा मुफ्ती बहाने बाजी कर रही हैं. अगर उन्हें कुछ गलत लगता है तो वो कोर्ट जाएं. सोशल मीडिया से सरकार नहीं बनती. पार्टियां एक दिन पहले भी आ सकती थीं. किसी ने अपना आदमी तक नहीं भेजा.'
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इसके अलावा राज्यपाल ने कहा कि आगे क्या होगा वह चुनाव आयोग तय करेगा. मेरा काम राज्य का विकास करने का था, जो मैंने किया.
बता दें, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और एनसी के समर्थन के साथ बुधवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन उनके दावे का पत्र राजभवन फैक्स नहीं हो पाया था, जिसके बाद उन्होंने टि्वटर पर वह पत्र शेयर कर दिया था.
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