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This Article is From Oct 12, 2021

कश्मीर में निशाना बनाकर हत्या की गोपनीय सूचना को नजरअंदाज कर रहा प्रशासन : महबूबा मुफ्ती

पांच अक्टूबर को प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेसिस्टेंट फोर्स’ द्वारा तीन लोगों की हत्या की जिम्मेदारी लेने के दो दिन बाद दो शिक्षकों श्रीनगर की सुपिन्दर कौर और जम्मू के चांद की हत्या कर दी गई.

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कश्मीर में निशाना बनाकर हत्या की गोपनीय सूचना को नजरअंदाज कर रहा प्रशासन : महबूबा मुफ्ती
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती.
जम्मू:

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन के पास अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हमलों के संबंध में पहले से सूचना थी लेकिन उसने केन्द्रीय मंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए उन्हें नजरअंदाज कर दिया. महबूबा ने साथ ही कहा कि ये केन्द्रीय मंत्री केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के भारतीय जनता पार्टी के ‘फर्जी प्रचार' को बढ़ावा देने आए थे. कश्मीर घाटी में आतंकवादियों ने इस महीने कम से कम सात लोगों की हत्या की है. मरने वालों में चार लोग अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. मुफ्ती ने दावा किया कि हाल में हुई हत्याओं के सिलसिले में 700 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ताकि ‘दोष दूसरों पर मढ़ा जा सके और वे अपना दामन बचा सकें.'

महबूबा ने ट्वीट किया है, ‘जम्मू-कश्मीर प्रशासन के पास अल्पसंख्यकों पर हमले की जानकारी पहले से थी. फिर भी उन्होंने इन सूचनाओं को नजरअंदाज कर दिया. इसकी जगह वे उन केन्द्रीय मंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने में जुटे थे जिन्हें जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के भाजपा के फर्जी प्रचार और बयान को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर लाया गया था.'

जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री फिलहाल चेनाब घाटी क्षेत्र के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने रविवार से अभी तक कई जगहों पर पीडीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है, ‘‘जिम्मेदारी नहीं लेना और 700 असैन्य लोगों को गिरफ्तार करना, दूसरों पर दोष मढ़ने और अपना दामन बचाने की उनकी प्रवृति को दिखाता है. सामूहिक सजा और अपमान भारत सरकार की दंडात्मक नीतियों द्वारा उपजी समस्याओं के समाधान का एकमात्र उपाय बन गया है.'

गौरतलब है कि पांच अक्टूबर को प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेसिस्टेंट फोर्स' द्वारा तीन लोगों की हत्या की जिम्मेदारी लेने के दो दिन बाद दो शिक्षकों श्रीनगर की सुपिन्दर कौर और जम्मू के चांद की हत्या कर दी गई. 

श्रीनगर के सबसे प्रसिद्ध फार्मेसी (दवा की दुकान) के मालिक और प्रतिष्ठित कश्मीरी पंडित माखन लाल बिन्द्रू की उनकी दुकान में शाम के वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसके कुछ ही मिनट बाद शहर के दूसरे कोने में बिहार मूल के निवासी ‘चाट' की रेहड़ी लगाने वाले विरेन्द्र पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसी वक्त के आसपास बांदीपोरा के नैदखाई में मोहम्मद शफी लोन की हत्या कर दी गई. दो अक्टूबर को आतंकवादियों ने श्रीनगर के करन नगर इलाके में माजिद अहमद गोजरी की गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं शहर के बटमालू में मोहम्म्द शफी डार की हत्या कर दी गई.

रवीश कुमार का प्राइम टाइम : कश्मीर घाटी में 5 दिन में आतंकवादियों के हाथों 7 हत्याएं

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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