जम्मू-कश्मीर में बीफ पार्टी को लेकर विवादों में रहे निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद पर दिल्ली में काली स्याही फेंकी गई। तीन अज्ञात लोगों ने उन पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में यह हमला किया।
इस हमले के बाद राशिद ने कहा, 'लोग पाकिस्तान के तालिबानीकरण की बात कर रहे हैं। देखिए, भारत में क्या हो रहा है। ये मानसिक रूप से बीमार हैं। कश्मीर में 80,000 लोग मारे जा चुके हैं। एक इंजीनियर राशिद पर स्याही डालने से कुछ भी नहीं बदलेगा। मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया यह देखे कि ये लोग किस तरह से कश्मीरियों की आवाज दबाना चाहते हैं।'
राशिद ने जम्मू क्षेत्र के उधमपुर में दो ट्रक चालकों पर हुए हमले को लेकर संवाददाता सम्मेलन के लिए यहां प्रेस क्लब में पत्रकारों को बुलाया था। ट्रक हमले के पीड़ितों में शामिल 19 वर्षीय जाहिद की कल सुबह सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई।
राशिद ने जैसे ही अपना संवाददाता सम्मेलन खत्म किया, उन्हें प्रेस क्लब के द्वार पर कुछ टीवी पत्रकारों ने एक-एक कर साक्षात्कार के लिए घेर लिया, तभी कुछ कार्यकर्ता ‘‘गौ माता का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान’’ का नारा लगाते हुए उन पर झपट पड़े और उनके चेहरे पर काला रंग, मोबील आयल तथा नीली स्याही पोत दी।
पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया और उन्हें संसद मार्ग थाना ले जाया गया जबकि राशिद को अतिरिक्त सुरक्षा बल के पहुंचने तक प्रेस क्लब में शरण लेनी पड़ी।
बाद में, पुलिसकर्मी राशिद को प्रेस क्लब के बाहर ले गए। वह अपने कुछ समर्थकों के साथ चाणक्यपुरी में जम्मू कश्मीर भवन के बाहर धरने पर बैठ गए और रेस कोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास जाने देने की इजाजत मांगने लगे।
राशिद ने श्रीनगर के एमएलए हॉस्टल में अपने द्वारा दी गई गोमांस की दावत के बारे में संवाददाता सम्मेलन में बोला था जिसके बाद आज की घटना हुई।
लोगों की भावनाएं आहत करने के बारे में पूछे जाने पर राशिद ने संवाददाताओं को स्पष्टीकरण दिया, ‘‘मैं गोमांस, बकरे या मुर्गे का मांस नहीं खाता लेकिन वह अधिकारियों को यह बताने के लिए विरोध का एक तरीका है कि किसी के धर्म में दखलदंजी ना करें।’ उन्होंने उधमपुर घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से माफी मांगे जाने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि दादरी कांड को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है तो फिर भाजपा भी उधमपुर घटना के लिए अपनी सहयोगी पीडीपी के साथ समान रूप से जिम्मेदार है।
जाहिद और शौकत ट्रक में सो रहे थे तभी भीड़ ने उन पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया था। उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार उनके परिवार के लोगों को धमकी दे रही है कि वे मीडिया से बात नहीं करे। जाहिद के परिजन मोहम्मद अशरफ ने अपने चेहरे पर कालिख पोते जाने के बाद कहा, ‘‘मुफ्ती सईद को इसकी कीमत चुकानी होगी। क्या भारत इसी लोकतंत्र की शेखी बघारता है। यह बदतर है।’’
अशरफ और राशिद के साथ मौजूद जाहिद के भाई मोहम्मद यूनुस ने कहा कि उसके परिवार को वहां पुलिस और प्रशासन धमकी दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सईद ने मुझसे या मेरे परिवार से बात नहीं की। हमें पीआरओ अल्ताफ साहब से संपर्क करने को कहा गया। क्या अपने कश्मीरी साथियों की देखभाल करने का उनका यही तरीका है? ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्ती साहेब को याद रखना चाहिए कि हमने उन्हें वोट दिया था ना कि भाजपा के राम माधव को।’’ 28 वर्षीय यूनुस ने कहा कि उनका भाई अब भी अस्पताल में है। ‘‘डॉक्टर कुछ नहीं कह रहे। जब वे मेरे भाई को रोजाना की ड्रेसिंग में ले गए तब उन्होंने परिवार के सदस्यों को वार्ड से बाहर भेज दिया।’’
गौरतलब है कि शेख अब्दुल राशिद की बीफ पार्टी को लेकर पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर विधानसभा में भी हंगामा हुआ था, और बीजेपी विधायकों ने उन्हें सदन में ही पीट डाला था। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि विधायक के साथ इस तरह का बर्ताव ठीक नहीं। उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने भी सदन के भीतर घटना पर खेद जताया था, लेकिन उन्होंने एमएलए हॉस्टल में बीफ पार्टी के आयोजन पर भी ऐतराज़ जताया था।
इस मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने बी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों ने नहीं बचाया होता, तो बीजेपी विधायक सदन के भीतर शेख अब्दुल राशिद की हत्या कर देते। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'जो कुछ भी हुआ, उसे पचा पाना असंभव है... एक माननीय सदस्य की सदन में पिटाई की गई... ऐसा लगता है कि वे उन्हें (राशिद को) जान से मारना चाहते थे... यदि उन्होंने कुछ आपत्तिजनक किया भी था, तो उसे सदन के संज्ञान में लाया जाना चाहिए था...'
(इनपुट भाषा से भी)
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