सरकार के बाद दिल्ली में अब विधानसभा के स्पीकर का पेंच फंस गया है। कांग्रेस और बीजेपी ने अध्यक्षता से इनकार कर दिया है। जगदीश मुखी ने कार्यवाहक अध्यक्ष बनने से मना कर दिया है।
उप-राज्यपाल द्वारा अस्थायी अध्यक्ष नियुक्ति किए जाने के बाद मुखी ने कहा, मेरी पार्टी की ओर से फैसला किया गया है कि न मैं और न ही पार्टी का कोई विधायक अस्थायी अध्यक्ष बनेगा। मुखी ने कहा कि उन्होंने अपने फैसले से विधानसभा सचिव को अवगत करा दिया है।
भाजपा नेता ने कहा कि जंग की ओर से नियुक्ति का पत्र मिलने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी से विचार-विमर्श किया और मुझे पार्टी के फैसले के बारे में बताया गया।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर उत्सुक है और वह इस पद के लिए मुकाबले की स्थिति में इसमें हिस्सा लेगी।
परंपरा के अनुसार उप राज्यपाल सबसे वरिष्ठ विधायक को विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष की शपथ दिलाते है और बाद में अस्थायी अध्यक्ष नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाते हैं।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को आगामी 3 जनवरी को विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना है।
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