आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, इसके पहले वो गृहमंत्री अमित शाह से भी मिल चुके हैं. इसके बाद उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं. रेड्डी ने अभी 23 और 24 सितंबर को अमित शाह से मुलाकात की थी. आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु का आरोप है कि रेड्डी केंद्र के साथ डील करना चाहते हैं ताकि उनके खिलाफ सीबीआई केसों में उनको राहत मिल सके.
रेड्डी के एनडीए जॉइन करने की अटकलें इसलिए भी उठ रही हैं क्योंकि अब गठबंधन से शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल निकल चुके हैं, ऐसे में उसे नए सहयोगियों की जरूरत होगी. जगन मोहन रेड्डी एनडीए में शामिल होकर राज्यसभा में उसकी सीटें बढ़वा देंगे और इसके बदले में उन्हें केंद्र सरकार में एक कैबिनेट मंत्री और एक जूनियर मंत्री का पद मिल जाएगा. इसके साथ ही बीजेपी के साथ रिश्ते सुधारने की आस बनाए हुए नायडु की कोशिशों पर भी रोक लगाया जा सकेगा.
हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस ने इन अटकलों को खारिज किया है. वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ऐसे वक्त में जब राज्य मुश्किल आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है तो केंद्र से अच्छे संबंध फायदेमंद हो सकते हैं. हालांकि, उनका कहना है कि चूंकि जगन मोहन रेड्डी 2019 में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिलवाने की मांग के साथ सत्ता में आए थे, ऐसे में इस मांग के पूरा हुए बगैर एनडीए में जाना उनके लिए नुकसानदायी हो सकता है.
बता दें रेड्डी ने मंगलवार को पीएम से मुलाकात में राज्य से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की. इन मुद्दों में पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए लंबित धनराशि जारी करना भी शामिल है. वाईएसआर कांग्रेस के राजग में शामिल होने की अटकलों के बीच आठ महीने बाद रेड्डी और मोदी की मुलाकात हुई है. बैठक के दौरान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई या नहीं इसकी जानकारी नहीं है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 40 मिनट तक चली बैठक में रेड्डी ने लंबित बकाया धनराशि और कडपा इस्पात संयंत्र जैसी विभिन्न परियोजनाओं के लिए मंजूरी पर चर्चा की.
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मोदी से दस हजार करोड़ रुपए के लंबित राजस्व अनुदान और पोलावरम परियोजना के लिए 3,250 करोड़ रुपये को जारी करने तथा कुर्नूल जिले में उच्च न्यायालय की स्थापना का अनुरोध किया. प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद रेड्डी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से कृष्णा गोदावरी नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर बातचीत करेंगे.
(भाषा से इनपुट)
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