New Delhi:
कांग्रेस से अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के पुत्र जगनमोहन रेड्डी ने पहली बार मंगलवार को उपवास के जरिए दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन किया। जगन अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जंतर-मंतर पर दिनभर के उपवास पर बैठे हैं। विशेष रेलगाड़ी से मंगलवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे जगन सीधे धरनास्थल पर जाकर अनशन पर बैठ गए। उनके अनशन में 20 से अधिक कांग्रेसी विधायक और दो सांसद शामिल हुए। कृष्णा नदी जल प्राधिकरण को लेकर आए फैसले के खिलाफ और आंध्र प्रदेश के किसानों की समस्याओं को सामने लाने के लिए जगन ने उपवास शुरू किया है। उपवास में कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के विधायक भी जिस तरह से जगन का समर्थन कर रहे हैं, उसे देखते हुए इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। अनशन पर बैठे जगन के एक करीबी नेता ने बताया कि जगन के साथ 20 कांग्रेसी विधायक, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और कांग्रेस के दो सांसद भी शामिल हैं। नेता ने बताया कि जगन दिन में करीब तीन बजे लोगों को संबोधित करेंगे। कड़प्पा संसदीय सीट और कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले जगन ने अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी के निधन के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी दावेदारी पेश की थी। राजशेखर रेड्डी का निधन 2 सितम्बर, 2009 को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गया था। कांग्रेस से इस्तीफा देते समय जगन ने कांग्रेस पर परिवार को तोड़ने का आरोप लगाया था। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही जगन किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर दो दर्जन विधायकों के साथ विजयवाड़ा में 48 घंटे के उपवास पर बैठे थे। राज्य में हुई भारी बारिश की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी।
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