पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस ज्वाइन कर ली.
- जम्मू-कश्मीर में पीडीपी ने साल 2015 में विधान पार्षद बनाया था
- महबूबा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में मतभेद हुए
- गुलाम नबी आजाद सहित कई नेताओं की मौजूदगी में ली कांग्रेस का सदस्यता
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:
पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. वे पीडीपी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं. विक्रमादित्य सिंह माधवराव सिंधिया के दामाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बहनोई हैं.
विक्रमादित्य सिंह ने एक साल पहले पीडीपी छोड़ दी थी. पीडीपी के इस पूर्व विधान पार्षद ने गुरुवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. उन्होंने एक समारोह में कांग्रेस की सदस्यता ली. इस दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी ने अपने वादे पूरे नहीं करके राज्य की जनता को धोखा दिया, इसलिए वे पार्टी से अलग हो रहे हैं.
यह भी पढ़ें : संस्कृत में निहित ज्ञान-विज्ञान को आधुनिक संदर्भो में समझने की जरूरत : कर्ण सिंह
विक्रमादित्य सिंह, मुफ्ती मोहम्मद सईद के कहने पर जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (जेकेपीडीपी) में शामिल हुए थे. साल 2015 में उन्हें राज्य विधान परिषद का सदस्य नामित किया गया था. सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के साथ मतभेद के चलते बतौर एमएलसी के पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया था.
VIDEO : कर्ण सिंह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की जरूरत जताई थी
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख गुलाम अहमद मीर के अलावा कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी और गुलाम नबी आजाद भी इस समारोह में मौजूद थे. इससे पहले विक्रमादित्य ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी.
(इनपुट भाषा से भी)
विक्रमादित्य सिंह ने एक साल पहले पीडीपी छोड़ दी थी. पीडीपी के इस पूर्व विधान पार्षद ने गुरुवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. उन्होंने एक समारोह में कांग्रेस की सदस्यता ली. इस दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी ने अपने वादे पूरे नहीं करके राज्य की जनता को धोखा दिया, इसलिए वे पार्टी से अलग हो रहे हैं.
यह भी पढ़ें : संस्कृत में निहित ज्ञान-विज्ञान को आधुनिक संदर्भो में समझने की जरूरत : कर्ण सिंह
विक्रमादित्य सिंह, मुफ्ती मोहम्मद सईद के कहने पर जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (जेकेपीडीपी) में शामिल हुए थे. साल 2015 में उन्हें राज्य विधान परिषद का सदस्य नामित किया गया था. सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के साथ मतभेद के चलते बतौर एमएलसी के पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया था.
VIDEO : कर्ण सिंह ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की जरूरत जताई थी
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख गुलाम अहमद मीर के अलावा कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी और गुलाम नबी आजाद भी इस समारोह में मौजूद थे. इससे पहले विक्रमादित्य ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी.
(इनपुट भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं