सीबीएसई के 12वीं के इकोनॉमिक्स का पेपर लीक करने के मामले में हिमाचल प्रदेश के अमित, अशोक और शिक्षक राकेश को गिरफ्तार किया गया है.
नई दिल्ली:
सीबीएसई पेपर लीक मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने 12वीं के इकोनॉमिक्स के हैंड रिटेन पेपर लीक मामले को सुलझा लिया है. इस मामले में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एक स्कूल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है.
तीन आरोपियों राकेश, अमित शर्मा और अशोक कुमार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से गिरफ्तार किया है. राकेश वहां डीएवी पब्लिक स्कूल में कॉमर्स का टीचर है. अमित शर्मा क्लर्क है और अशोक कुमार चपरासी है. आरोप है कि राकेश ने अपने यहां ट्यूशन लेने वाले एक छात्र की मदद के लिए अमित और अशोक के साथ 12 वीं के पेपर को लीक किया. हालांकि इस काम के लिए उसने कोई पैसा नहीं लिया.
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी आरपी उपाध्याय ने बताया राकेश ने पेपर अपने ही एक छात्र से लिखवाया. वह छात्र उसके यहां ही ट्यूशन पढ़ता है. पुलिस के मुताबिक राकेश पर एग्जाम कराने के लिए सेंट्रल सुप्रिंटेंडेंट की भी जिम्मेदारी थी, इसलिए जिस बैंक में पेपर रखे थे उसके पास उसका एक्सेस था.
यह भी पढ़ें : CBSE पेपर लीक मामला : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का निर्देश देने से इनकार किया
पुलिस के अनुसार राकेश 23 मार्च को जब कम्प्यूटर साइंस का पेपर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लेने गया तो कम्प्यूटर साइंस के साथ एक बंडल इकोनॉमिक्स के पेपर निकाल लाया. बाहर आकर उसने इकानॉमिक्स का पेपर अमित और अशोक को दिया व एग्जाम सेंटर चला गया. अमित ने पेपर की फोटो लेकर व्हाट्सऐप के जरिए राकेश को भेजी. राकेश ने फिर उसी पेपर की एक कॉपी अपने उसी छात्र से लिखवाई जो उसके यहां ट्यूशन पढ़ता है. फिर ये कॉपी उस छात्र के अलावा राकेश ने चंडीगढ़ में अपने एक और रिश्तेदार को दी.
पुलिस के मुताबिक उसके बाद पेपर की कॉपी 40 से ज्यादा व्हाट्सऐप ग्रुपों में फैल गई. इसका फायदा कई छात्रों को मिला. यह पेपर 26 मार्च को था.
VIDEO : सीबीएसई पेपर लीक मामले में 3 गिरफ्तार
राकेश ने अपने ही छात्र के हाथ से पेपर की कॉपी इसलिए लिखवाई ताकि वह पकड़ा न जा सके. पुलिस के मुताबिक राकेश के पास जवाहर नवोदय विद्यालय समेत तीन एग्जाम सेंटरों में पेपर कराने से लेकर उनकी देखरेख की जिम्मेदारी थी. अब इस मामले में बैंक के अधिकारियों और लीक पेपर वायरल करने वाले बाकी लोगों की भूमिका की जांच चल रही है.
तीन आरोपियों राकेश, अमित शर्मा और अशोक कुमार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से गिरफ्तार किया है. राकेश वहां डीएवी पब्लिक स्कूल में कॉमर्स का टीचर है. अमित शर्मा क्लर्क है और अशोक कुमार चपरासी है. आरोप है कि राकेश ने अपने यहां ट्यूशन लेने वाले एक छात्र की मदद के लिए अमित और अशोक के साथ 12 वीं के पेपर को लीक किया. हालांकि इस काम के लिए उसने कोई पैसा नहीं लिया.
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी आरपी उपाध्याय ने बताया राकेश ने पेपर अपने ही एक छात्र से लिखवाया. वह छात्र उसके यहां ही ट्यूशन पढ़ता है. पुलिस के मुताबिक राकेश पर एग्जाम कराने के लिए सेंट्रल सुप्रिंटेंडेंट की भी जिम्मेदारी थी, इसलिए जिस बैंक में पेपर रखे थे उसके पास उसका एक्सेस था.
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पुलिस के अनुसार राकेश 23 मार्च को जब कम्प्यूटर साइंस का पेपर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लेने गया तो कम्प्यूटर साइंस के साथ एक बंडल इकोनॉमिक्स के पेपर निकाल लाया. बाहर आकर उसने इकानॉमिक्स का पेपर अमित और अशोक को दिया व एग्जाम सेंटर चला गया. अमित ने पेपर की फोटो लेकर व्हाट्सऐप के जरिए राकेश को भेजी. राकेश ने फिर उसी पेपर की एक कॉपी अपने उसी छात्र से लिखवाई जो उसके यहां ट्यूशन पढ़ता है. फिर ये कॉपी उस छात्र के अलावा राकेश ने चंडीगढ़ में अपने एक और रिश्तेदार को दी.
पुलिस के मुताबिक उसके बाद पेपर की कॉपी 40 से ज्यादा व्हाट्सऐप ग्रुपों में फैल गई. इसका फायदा कई छात्रों को मिला. यह पेपर 26 मार्च को था.
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राकेश ने अपने ही छात्र के हाथ से पेपर की कॉपी इसलिए लिखवाई ताकि वह पकड़ा न जा सके. पुलिस के मुताबिक राकेश के पास जवाहर नवोदय विद्यालय समेत तीन एग्जाम सेंटरों में पेपर कराने से लेकर उनकी देखरेख की जिम्मेदारी थी. अब इस मामले में बैंक के अधिकारियों और लीक पेपर वायरल करने वाले बाकी लोगों की भूमिका की जांच चल रही है.
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