इस रिपोर्ट के आने से पहले आईटी मंत्री वैष्णव ने लोकसभा के पटल पर Pegasus मामले पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया था. इस रिपोर्ट को बिना किसी तथ्य के 'सनसनीखेज कहानी' बताते हुए मंत्री ने कहा था कि वेब पोर्टल की रिपोर्ट खुद ही स्पष्ट करती है कि लिस्ट में कोई नंबर मौजूद होने का यह मतलब नहीं है कि उसकी जासूसी की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से एक दिन पहले ऐसी खबर आना यह कोई 'संयोग नहीं' है
Pegasus scandal पर NDTV से बोले प्रशांत किशोर, ''5 बार मोबाइल हैंडसेट बदला लेकिन जारी है हैकिंग''
पेगासस स्पाइवेयर बेचने वाली कंपनी एनएसओ के हवाले से मंत्री ने कहा, 'ऐसी सेवाएं किसी के लिए भी, कहीं भी, और कभी भी खुले तौर पर उपलब्ध हैं. और आमतौर पर सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ दुनिया भर में निजी कंपनियां भी इसका इस्तेमाल करती हैं. यह भी विवाद से परे है कि डेटा का निगरानी या एनएसओ से कोई लेना-देना नहीं है. इसका भी कोई तथ्यात्मक आधार नहीं हो सकता है कि डेटा का उपयोग किसी भी तरह निगरानी के बराबर है.'
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उनकी टिप्पणियां इस बात को साबित करती है कि सरकार ने इस स्पाइवेयर को खरीदा और इस्तेमाल किया है. एनएसओ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह केवल 'जांची-परखी सरकारों' और उनकी आधिकारिक एजेंसियों को सॉफ्टवेयर दिया जाता है.
Pegasus scandal: मोदी सरकार बेडरूम की बातें भी सुन रही है, कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने उनके बयान को आधार बनाते हुए मांग की है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच होनी चाहिए.
ताजा खुलासों के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके दो साथियों के नंबर भी लिस्ट में थे. इनके अलावा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का नंबर भी इस लिस्ट में शामिल है.
Pegasus Report : राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, दो केंद्रीय मंत्रियों को भी कथित रूप से बनाया गया निशाना
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से 'देश को जवाब' देने की मांग करते हुए कहा, ' आज भी, नए आईटी मंत्री ने 'पेगासस' सॉफ्टवेयर की कंपनी एनएसओ के बारे में कोई भी जानकारी से इनकार करके संसद को गुमराह करने की कोशिश की.'
साथ ही पार्टी ने कहा, 'आईटी मंत्री ने, शायद 28 नवंबर, 2019 को संसद में पूर्व आईटी मंत्री के जवाब को भी नहीं पढ़ा, जिसमें उन्होंने कबूल किया था कि पेगासस सूची में भारत से 121 नाम थे और भारत सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर बेचने वाली कंपनी एनएसओ को नोटिस जारी किया है.'
पेगासस मामला : केंद्रीय मंत्रियों की भी हुई जासूसी?