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This Article is From Sep 27, 2021

प्रमोशन या डिमोशन अहम नहीं, जनसेवा का इरादा अहम है : NDTV से बोले UP में मंत्री बनाए गए जितिन प्रसाद

योगी सरकार में शामिल किए गए सातों मंत्रियों में से 47-वर्षीय जितिन प्रसाद ही एकमात्र मंत्री हैं, जिन्हें कैबिनेट दर्जा दिया गया है, और एक वक्त पर कांग्रेस-नीत सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद इस बात से इंकार करते हैं कि राज्य में कैबिनेट मंत्री बनाया जाना पदावनति है.

जितिन प्रसाद या अन्य नए मंत्रियों को फिलहाल विभागों का आवंटन नहीं किया गया है...

लखनऊ:

इसी साल कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए जितिन प्रसाद उन सात मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार में रविवार को शामिल किया गया.

योगी सरकार में शामिल किए गए सातों मंत्रियों में से 47-वर्षीय जितिन प्रसाद ही एकमात्र मंत्री हैं, जिन्हें कैबिनेट दर्जा दिया गया है, और एक वक्त पर कांग्रेस-नीत सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद इस बात से इंकार करते हैं कि राज्य में कैबिनेट मंत्री बनाया जाना पदावनति है.

NDTV से बात करते हुए जितिन प्रसाद ने कहा, "यह पदोन्नति या पदावनति के बारे में है ही नहीं, यह लोगों की सेवा करने के बारे में है, तथा मुझे जो भी अवसर तथा उत्तरदायित्व दिया गया है, मैं उसके लिए BJP नेतृत्व, विशेषकर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी), गृहमंत्री अमित शाह, (BJP प्रमुख) जे.पी. नड्डा तथा (उत्तर प्रदेश के) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुक्रगुज़ार हूं..."

योगी सरकार में शामिल किए गए सभी नए मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की. किसी भी मंत्री को फिलहाल मंत्रालय आवंटित नहीं किए गए हैं, और इन मंत्रियों के पास सिर्फ तीन महीने शेष हैं, क्योंकि फिर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी, और वे कोई नई घोषणाएं नहीं कर सकेंगे.

इतने कम समय में क्या हासिल करने की उम्मीद करते हैं, यह पूछे जाने पर जितिन प्रसाद ने कहा, "समय उतना महत्वपूर्ण नहीं है, इरादा अहम है, काम की दिशा अहम है... हम राज्य और राज्य की जनता की प्रगति के लिए काम करेंगे, और यही आगे बढ़ने का रास्ता है..."

एक वक्त में शीर्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाते रहे और उत्तर प्रदेश में पार्टी की ओर से शीर्ष ब्राह्मण चेहरा रहे जितिन प्रसाद ने जून, 2021 में कांग्रेस छोड़ दी थी. वह डॉ मनमोहन सिंह की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं.

जितिन प्रसाद के करीबी सूत्रों के अनुसार, वह कुछ वक्त से महसूस कर रहे थे कि कांग्रेस में उन्हें हाशिये पर ला दिया गया है.

उधर, BJP के लिए जितिन प्रसाद का पार्टी से जुड़ना काफी अहम है, क्योंकि वह ब्राह्मणों के समर्थन को मज़बूत करने की कोशिश में है, जो हालिया सालों में पार्टी से दूर जाते दिखे हैं.

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