नई दिल्ली:
काले धन के मामले में सरकार के खिलाफ़ आंदोलन चलाने वाले बाबा रामदेव पर आयकर विभाग की गाज गिर सकती है।
विभाग ने पाया है कि रामदेव का ट्रस्ट चैरिटेबल संस्था के तौर पर रजिस्टर्ड होने के बाद कमाई कर रहा है, इसलिए आयकर विभाग ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट का चैरिटेबल संगठन के तौर पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने और भारी जुर्माना लगाने का फ़ैसला किया है। चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद टैक्स में छूट नहीं मिलेगी।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आयकर विभाग ने जांच में पाया कि पतंजलि योगपीठ 2009−2010 के दौरान कई व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल था और इस दौरान संस्था ने करीब 72 करोड़ 37 लाख रुपये की कमाई की जबकि विभाग को दी गई जानकारी में वह दावा करती है कि उसकी कोई कमाई नहीं है।
आयकर विभाग ने 100 सवालों की लिस्ट भेजकर पतंजलि योगपीठ से जवाब भी मांगा था। अब विभाग इस मामले में ट्रस्ट को नोटिस भेजने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगा है।
विभाग ने पाया है कि रामदेव का ट्रस्ट चैरिटेबल संस्था के तौर पर रजिस्टर्ड होने के बाद कमाई कर रहा है, इसलिए आयकर विभाग ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट का चैरिटेबल संगठन के तौर पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने और भारी जुर्माना लगाने का फ़ैसला किया है। चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद टैक्स में छूट नहीं मिलेगी।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आयकर विभाग ने जांच में पाया कि पतंजलि योगपीठ 2009−2010 के दौरान कई व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल था और इस दौरान संस्था ने करीब 72 करोड़ 37 लाख रुपये की कमाई की जबकि विभाग को दी गई जानकारी में वह दावा करती है कि उसकी कोई कमाई नहीं है।
आयकर विभाग ने 100 सवालों की लिस्ट भेजकर पतंजलि योगपीठ से जवाब भी मांगा था। अब विभाग इस मामले में ट्रस्ट को नोटिस भेजने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगा है।
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