नई दिल्ली:
आईबी के विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार शुक्रवार को सीबीआई के समक्ष प्रस्तुत नहीं होंगे। कुमार ने सीबीआई के खत के जवाब में लिखा है कि उन्हें अपने बूढ़े पिता की देखभाल करनी है इसलिए वह पूछताछ के लिए नहीं आ पाएंगे। सीबीआई गुजरात में इशरत जहां और तीन अन्य साथियों के फर्जी एनकाउंटर के सिलसिले में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया था।
सीबीआई के सूत्र बता रहे हैं कि सीबीआई ने पहले उस खबर से जांच आरंभ की थी जब आईबी ने यह रिपोर्ट दी थी लश्कर के कुछ आतंकी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की फिराक में हैं। जब यह सूचना सरकारों को दी गई थी तब राजेंद्र कुमार गुजरात में तैनात थे।
आईबी का कहना है कि सूचना प्रेषित करने के बाद उनका काम खत्म हो गया था। वहीं, सीबीआई का कहना है कि राजेंद्र कुमार का काम इससे आगे का भी है। सीबीआई का कहना है कि जबकि कुमार एनकाउंटर के मौके पर मौजूद नहीं थे, लेकिन योजना बनाने में उनका भी हाथ था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मौका-ए-वारदात पर मिली एके-47 को कुमार ने मुहैया कराया था।
सीबीआई यह मान रही है कि इस तरह की पूछताछ आईबी अधिकारियों के मनोदशा पर असर जरूर करेगी, लेकिन जांच में पाए गए तथ्यों और सबूतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आईबी प्रमुख आसिफ इब्राहिम द्वारा कुमार के बुलाने का पुरजोर विरोध किया गया है। इस मामले में इब्राहिम ने सीबीआई निदेशक, पीएम, गृह सचिव से भी बात की।
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का कहना है कि हमारे पास सबूत हैं जो कोर्ट में भी साबित हो जाएंगे।
सूत्र बता रहे हैं कि जांच से बचने वाले कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। गौरतलब है कि अगले ही माह कुमार रिटायर होने वाले हैं।
सीबीआई के सूत्र बता रहे हैं कि सीबीआई ने पहले उस खबर से जांच आरंभ की थी जब आईबी ने यह रिपोर्ट दी थी लश्कर के कुछ आतंकी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की फिराक में हैं। जब यह सूचना सरकारों को दी गई थी तब राजेंद्र कुमार गुजरात में तैनात थे।
आईबी का कहना है कि सूचना प्रेषित करने के बाद उनका काम खत्म हो गया था। वहीं, सीबीआई का कहना है कि राजेंद्र कुमार का काम इससे आगे का भी है। सीबीआई का कहना है कि जबकि कुमार एनकाउंटर के मौके पर मौजूद नहीं थे, लेकिन योजना बनाने में उनका भी हाथ था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मौका-ए-वारदात पर मिली एके-47 को कुमार ने मुहैया कराया था।
सीबीआई यह मान रही है कि इस तरह की पूछताछ आईबी अधिकारियों के मनोदशा पर असर जरूर करेगी, लेकिन जांच में पाए गए तथ्यों और सबूतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आईबी प्रमुख आसिफ इब्राहिम द्वारा कुमार के बुलाने का पुरजोर विरोध किया गया है। इस मामले में इब्राहिम ने सीबीआई निदेशक, पीएम, गृह सचिव से भी बात की।
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का कहना है कि हमारे पास सबूत हैं जो कोर्ट में भी साबित हो जाएंगे।
सूत्र बता रहे हैं कि जांच से बचने वाले कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। गौरतलब है कि अगले ही माह कुमार रिटायर होने वाले हैं।
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