नई दिल्ली:
साल 2004 में गुजरात में एक फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां के परिजन ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस साजिश का हिस्सा थे और उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। गौरतलब है कि आरोप-पत्र में कहा गया है कि यह फर्जी मुठभेड़ गुजरात पुलिस और राज्य के सब्सिडियरी इंटेलिजेंस ब्यूरो की संयुक्त कार्रवाई थी।
इशरत की मां शमीमा कौसर ने कहा कि सीबीआई ने उनकी उस बात पर मुहर लगा दी है जो वह पिछले नौ साल से कहती आ रही थीं कि उनकी बेटी निर्दोष थी और उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था।
आंखों में आंसू लिए शमीमा ने कहा, ‘‘पिछले नौ साल से मैं बार-बार कहती रही कि मेरी बेटी निर्दोष है और गलत तरीके से फंसाई गई। चंद पुलिसकर्मियों और नेताओं के कारण हमें ये समस्याएं झेलनी पड़ी। हत्या को सुनिश्चित करने वाले आरोपियों के नाम आरोप-पत्र में शामिल नहीं किए गए हैं। मुझे उम्मीद है कि साजिश रचने वालों को भी सख्त सजा मिलेगी।’’
इशरत की बहन मुशरत ने कहा, ‘‘जब मेरी बहन की हत्या हुई उस वक्त वह बीएससी के दूसरे साल में थी। साल 2002 में हमारे पिता की मौत के बाद परिवार में सिर्फ वही थी जो दो वक्त की रोटी के लिए पैसे कमा रही थी।’’
मुशरत ने कहा, ‘‘इशरत की मौत के बाद हमें काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा। सीबीआई ने अब यह साबित कर दिया है कि इशरत फर्जी मुठभेड़ में मारी गई थी। हमारे परिवार पर लगे दाग की वजह से हमारी बहनों की शादी नहीं हो सकी और हमारे भाई को कोई नौकरी नहीं मिली।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें हत्या में मोदी की भूमिका पर कोई शक है, इस पर मुशरत ने जवाब दिया, ‘‘मेरी बहन को यह आरोप लगाकर मारा गया कि वह नरेंद्र मोदी की हत्या करने गई थी। लिहाजा मेरी बहन की हत्या में मुझे मोदी के शामिल होने का शक है।’’
इशरत के एक रिश्तेदार रउफ लाला ने कहा, ‘‘आईबी के जरिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को इशरत से जुड़े तथ्यों के बारे में सब कुछ पता था।’’
एनसीपी नेता और स्थानीय विधायक जितेंद्र अवहद ने कहा कि इशरत का परिवार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर मांग करेगा कि मामले की पारदर्शी जांच हो।
(इनपुट भाषा से भी)
इशरत की मां शमीमा कौसर ने कहा कि सीबीआई ने उनकी उस बात पर मुहर लगा दी है जो वह पिछले नौ साल से कहती आ रही थीं कि उनकी बेटी निर्दोष थी और उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था।
आंखों में आंसू लिए शमीमा ने कहा, ‘‘पिछले नौ साल से मैं बार-बार कहती रही कि मेरी बेटी निर्दोष है और गलत तरीके से फंसाई गई। चंद पुलिसकर्मियों और नेताओं के कारण हमें ये समस्याएं झेलनी पड़ी। हत्या को सुनिश्चित करने वाले आरोपियों के नाम आरोप-पत्र में शामिल नहीं किए गए हैं। मुझे उम्मीद है कि साजिश रचने वालों को भी सख्त सजा मिलेगी।’’
इशरत की बहन मुशरत ने कहा, ‘‘जब मेरी बहन की हत्या हुई उस वक्त वह बीएससी के दूसरे साल में थी। साल 2002 में हमारे पिता की मौत के बाद परिवार में सिर्फ वही थी जो दो वक्त की रोटी के लिए पैसे कमा रही थी।’’
मुशरत ने कहा, ‘‘इशरत की मौत के बाद हमें काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा। सीबीआई ने अब यह साबित कर दिया है कि इशरत फर्जी मुठभेड़ में मारी गई थी। हमारे परिवार पर लगे दाग की वजह से हमारी बहनों की शादी नहीं हो सकी और हमारे भाई को कोई नौकरी नहीं मिली।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें हत्या में मोदी की भूमिका पर कोई शक है, इस पर मुशरत ने जवाब दिया, ‘‘मेरी बहन को यह आरोप लगाकर मारा गया कि वह नरेंद्र मोदी की हत्या करने गई थी। लिहाजा मेरी बहन की हत्या में मुझे मोदी के शामिल होने का शक है।’’
इशरत के एक रिश्तेदार रउफ लाला ने कहा, ‘‘आईबी के जरिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को इशरत से जुड़े तथ्यों के बारे में सब कुछ पता था।’’
एनसीपी नेता और स्थानीय विधायक जितेंद्र अवहद ने कहा कि इशरत का परिवार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर मांग करेगा कि मामले की पारदर्शी जांच हो।
(इनपुट भाषा से भी)
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