राधे मां (फाइल फोटो)
मुंबई:
बंबई हाईकोर्ट ने शहर की पुलिस को राधे मां के खिलाफ धर्म के नाम पर देह व्यापार का गिरोह चलाने के आरोप लगाने वाली शिकायत के सिलसिले में अपनी जांच पर एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का सोमवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एसवीएम कनाडे और न्यायमूर्ति शालिनी फांसलकर जोशी की पीठ अधिवक्ता फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में राधे मां पर अश्लीलता का और उनके खिलाफ शिकायत पर पुलिस के कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस ने आज एक रिपोर्ट सौंपकर कहा कि एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच जारी है।
लड़के लड़कियों को यह महिला रिझा रही है
हालांकि, ब्रह्मभट्ट ने यह कह कर जवाब दिया कि उन्होंने पुलिस को अतिरिक्त सूचना सौंपी थी, लेकिन उसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। ‘‘देह व्यापार का गिरोह चल रहा है। लड़के लड़कियों को यह महिला रिझा रही है।
शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर
आशीर्वाद पाने के बहाने वे लोग शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने यह दलील भी दी कि राधे मां द्वारा चलाई जा रही धमार्थ संस्था पंजीकृत नहीं है।
करोड़ों रुपये आवंटित किए गए हैं
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘करोड़ों रुपये आवंटित किए गए हैं।’’ अदालत ने इसके बाद पुलिस से दो हफ्तों में एक हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि इसने क्या कदम उठाए हैं।
न्यायमूर्ति एसवीएम कनाडे और न्यायमूर्ति शालिनी फांसलकर जोशी की पीठ अधिवक्ता फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में राधे मां पर अश्लीलता का और उनके खिलाफ शिकायत पर पुलिस के कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस ने आज एक रिपोर्ट सौंपकर कहा कि एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच जारी है।
लड़के लड़कियों को यह महिला रिझा रही है
हालांकि, ब्रह्मभट्ट ने यह कह कर जवाब दिया कि उन्होंने पुलिस को अतिरिक्त सूचना सौंपी थी, लेकिन उसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। ‘‘देह व्यापार का गिरोह चल रहा है। लड़के लड़कियों को यह महिला रिझा रही है।
शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर
आशीर्वाद पाने के बहाने वे लोग शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने यह दलील भी दी कि राधे मां द्वारा चलाई जा रही धमार्थ संस्था पंजीकृत नहीं है।
करोड़ों रुपये आवंटित किए गए हैं
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘करोड़ों रुपये आवंटित किए गए हैं।’’ अदालत ने इसके बाद पुलिस से दो हफ्तों में एक हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि इसने क्या कदम उठाए हैं।
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