क्या बर्ड फ्लू के दौरान सुरक्षित है अंडे और चिकन खाना? जानें हर जरूरी बात...

बर्ड फ्लू एक तरह का वायरल इंफेक्शन है. इसे एवियन इनफ्लुएंजा भी कहते हैं. बर्ड फ्लू के सबसे कॉमन वायरस का नाम H5N1 है. यह एक खतरनाक वायरस है जो पानी में रहने वाले पक्षियों से अन्य पक्षियों और जानवरों में फैलता है.

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बीच देश के 5 राज्य बर्ड फ्लू (Bird Flu) यानी (एवियन इनफ्लुएंजा H5N1) की चपेट में आ गए हैं. जिसमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल शामिल हैं. इन राज्यों में बीते दस दिनों में लाखों पक्षियों की मौत हो चुकी है. अनुमान है कि इन पांच राज्यों के अलावा भी कुछ और राज्य बर्ड फ्लू की चपेट में आ गए हैं. हालांकि इन पांच राज्यों ने बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि कर दी है. इसके अलावा अन्य राज्य अलर्ट हो गए हैं. केरल में पिछले कुछ दिनों में 12,000 बत्तखों की मौत हुई है, जिसके बाद कर्नाटक और तमिलनाडु सावधानी बरत रहे हैं. वहीं हिमाचल में भी हजारों पक्षी मृत मिले हैं, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा ने अपने-अपने राज्य में सैंपलों की जांच करनी शुरू कर दी है.

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केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम के कई हिस्सों में एवियन इंफ्लुएंज़ा का H5N8 का स्ट्रेन मिलने के बाद यहां पर लगभग 36,000 पक्षियों को मारा जा सकता है. दो जिलों में यह काम पहले ही शुरू किया जा चुका है. हिमाचल प्रदेश ने मंगलवार को राज्य में एवियन फ्लू होने की पुष्टि की. यहां पर माइग्रेट करके आने वाले गीज की एक नस्ल के लगभग 2,700 पक्षी मृत मिले थे. उधर, मध्य प्रदेश में 300 कौवों की मौत से बर्ड फ्लू का खतरा पैदा हो गया है. एनडीटीवी रिपोर्ट के मुताबिक, पांच राज्यों में पक्षियों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ज्यादातर पक्षियों से लिए गए सैम्पल में H5N1 एवियन इनफ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हो चुकी है. हरियाणा और गुजरात के सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है.

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क्या होता है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू एक तरह का वायरल इंफेक्शन है. इसे एवियन इनफ्लुएंजा (H5N1) भी कहते हैं. बर्ड फ्लू के सबसे कॉमन वायरस का नाम H5N1 है. यह एक खतरनाक वायरस है जो पानी में रहने वाले पक्षियों से अन्य पक्षियों और जानवरों में फैलता है. जैसे बत्तख से अन्य पक्षियों, सूअर और कुत्तों में फैलता है. H5N1 वायरस से पक्षियों की मौत भी हो सकती है. जैसा की अभी देखने को मिल रहा है. कई पक्षियों में यह वायरस हमेशा रहता है. लेकिन वह बीमार नहीं पड़ते हैं. लेकिन अपने मल के द्वारा यह अन्य पक्षियों, जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं. बर्ड फ्लू प्रवासी पक्षियों से फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. यह बड़ी आसानी से एक जगह से दूसरे जगह जाकर संक्रमण फैला सकते हैं.

इंसानों में भी फैल सकता है बर्ड फ्लू?

इंसानों में बर्ड फ्लू H5N1 का खतरा इतना नहीं रहता है, जितना पक्षियों या जानवरों में रहता है. अगर कोई इंसान बर्ड फ्लू से संक्रमित हो भी जाता है, तो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का खतरा कम रहता है. यह तभी संभव है जब एक इंसान दूसरे इंसान के बहुत करीबी संपर्क में हो. जैसे मां से छोटे बच्चों में.

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कैसे कर सकते हैं बचाव?

बर्ड फ्लू संक्रमण किसी इंसान में तभी हो सकता है, जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित पक्षी या जानवर से करीबी संपर्क बनाता है. यह संक्रमण जानवरों, पक्षियों की मल सफाई करते वक्त हो सकता है. किसी तालाब में नहाने से हो सकता है, अगर उसमें कोई पक्षी या जानवर तैरने या नहाने जाते हैं. इसके अलावा उन लोगों में भी इस संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है, जो चिकन या अंडा ठीक से पका कर नहीं खाते हैं. WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अगर आप चिकन, मीट, अंडा अच्छी तरह पका कर खाते हैं, तो ऐसे में H5N1 वायरस का खतरा नहीं रहता है. WHO का कहना है कि कमसे कम 70 डिग्री सेल्सियस तापमान में अंडा या चिकन पकाना चाहिए.

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