बिहार के जमालपुर में मौजूद रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को बिहार से लखनऊ स्थानांतरित करने के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच रार बढ़ती जा रही है. अब बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस मामले को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने अपने ट्वीट में बताया- "जमालपुर में स्थित इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (IRIMEE) को मुंगेर से बाहर शिफ्ट करने को लेकर रेल मंत्रालय के आदेश पर बिहार ने सख्त प्रतिक्रिया जताई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से दखल देने को कहा था."
उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने एक मई को रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इस फैसले को वापस लेने का आग्रह किया था. IRIMEE रेलवे और बिहार की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. बिहार के साथ इसका बहुत ऐतिहासिक संबंध है, जिसे मजबूत किए जाने की जरूरत है न कि इसे बिहार से अलग किए जाने की.
1/5#Bihar takes strong exception to @RailMinIndia's 24 Apr order to shift prestigious #Jamalpur-based Indian Railway Institute of Mechanical & Electrical Engineering out of Munger. CM Sri @NitishKumar has asked Sri @PiyushGoyal to intervene on this regressive move.@PMOIndia
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
उन्होंने आगे कहा- "देश का यह सबसे पुराना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है और बिहार का गौरव रहा है. इसकी स्थापना 1888 में हुई. आईआरआईएमईई जमालपुर 1927 से भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रहा है. 93 साल की विरासत को इतने ढिठाई से कैसे मिटाया जा सकता है?"
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— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
Hon CM Sri @NitishKumar has written a letter on May 1 to Rail Min Sri @PiyushGoyal requesting him to immediately rescind this decision. IRIMEE represents rich legacy of Railways & Bihar. Its great historical linkage with Bihar needs to be strengthened & not severed. @PMOIndia
उधर, इन खबरों के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश के सबसे पुराने जमालपुर (मुंगेर) स्थित 1888 में स्थापित इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग जहां रेलवे के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है को लखनऊ शिफ्ट करने की खबर भ्रामक व बेबुनियाद है.
PRESS RELEASE
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 6, 2020
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जमालपुर रेलवे इंस्टीच्यूट को शिफ्ट करने की खबर भ्रामक-उपमुख्यमंत्री pic.twitter.com/Y2S4Nj2RZ7
सुशील मोदी ने कहा कि रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस संबंध में पत्र लिखा है जिसका वे अविलम्ब जवाब देकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करेंगे. सुशील मोदी ने कहा कि, 'रेल मंत्री ने कहा है कि भारत सरकार ने तो जमालपुर इंस्टीच्यूट को रेलवे व ट्रांसपोर्ट विश्वविद्यालय के कैम्पस के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है जहां रेलवे से जुड़े मैकेनिकल व इंजीनियरिंग के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने इस फैसले की आलोचना की थी और बिहार को इसके लिए लड़ने का सुझाव दिया था. सिन्हा ने ट्वीट में लिखा, ''यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने बिहार के जमालपुर में दशकों पुराने रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. लॉकडाउन के दौरान ऐसा करना बेहद ही बुरी बात है. बिहार को इसके लिए लड़ना होगा.''
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— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
This oldest central training institute has been an iconic institution, and a pride of Bihar. Estb in 1888, IRIMEE #Jamalpur has been most coveted center for training to Indian Railway's top brains since 1927. How can a legacy of 93 years be wiped off so brazenly?@PMOIndia
It is most unfortunate that govt of India has ordered the transfer of the decades old Rly Training Institute at Jamalpur in Bihar to Lucknow in UP. Doing it during lockdown makes it worse. Bihar must fight back.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) May 5, 2020
बता दें कि ये मुद्दा राजनीतिक रूप लेता जा रहा हैं क्योंकि बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया हैं. उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर केंद्रीय रेल मंत्रालय के आदेश को लखनऊ से जमालपुर वापस लेने के लिए आग्रह किया है. नीतीश कुमार का स्टैंड को गलत करार नहीं दिया जा सकता. कोरोना के बीच बिहार बीजेपी की माने तो यह फैसला अनावश्यक है.
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