INX मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) को सीबीआई की राउस एवेन्यू कोर्ट ने 19 सितंबर तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया है. उन्होंने जमानत अर्जी दी थी, जो नामंज़ूर हो गई है. पी. चिदंबरम की जेल में अलग सेल, खाट और अलग बाथरूम की मांगें मंज़ूर कर ली गई हैं. आपको बता दें कि पी. चिदंबरम को तिहाड़ के जेल नंबर 7 में रखा जाएगा. इससे पहले पी चिदंबरम (P Chidambaram) को सीबीआई (CBI) ने राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में पेश किया. उनके वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने सरेंडर के लिए तैयार हैं. कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए. कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा, 'जहां तक सीबीआई की बात है तो चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में क्यों भेजा जाना चाहिए?
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उन्होंने (सीबीआई) सभी सवाल पूछ लिए हैं. मेरे मुवक्किल ईडी की कस्टडी में जाना चाहते हैं. उन्हें न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि चिदंबरम पर जांच को प्रभावित करने या उसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने का कोई आरोप नहीं है. सीबीआई (CBI) की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी कहा है कि यह बड़ा मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारी दलील मानी है कि चिदंबरम सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. हमने कई देशों में लेटर रोगेटरी भेजे हैं. यूके, यूएसए समेत पांच देशों में हमने लेटर रोगेटरी भेजे हैं. विदेशी खातों में जमा पैसों में छेड़छाड़ किया जा सकता है. आर्थिक अपराध एक अलग श्रेणी का अपराध है, यह बात सुप्रीम कोर्ट ने भी कही है. आर्थिक अपराध देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करते हैं.
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