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This Article is From Jul 25, 2018

INX मीडिया केस: दिल्ली हाईकोर्ट से पी चिदंबरम को राहत, 1 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को एक अगस्त तक गिरफ्तारी से आज अंतरिम राहत दे दी.

INX मीडिया केस: दिल्ली हाईकोर्ट से पी चिदंबरम को राहत, 1 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक
पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को एक अगस्त तक गिरफ्तारी से आज अंतरिम राहत दे दी. न्यायमूर्ति के. पाठक ने चिदंबरम को राहत देते हुए उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में जरुरत पड़ने पर सहयोग करने और अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाने का निर्देश दिया. अदालत ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता की इस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा कि जिसमें उन्होंने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका व्यक्त की है.

अदालत ने निदेशालय को एक अगस्त तक चिदंबरम के खिलाफ कोई भी दण्डात्मक कदम नहीं उठाने का भी निर्देश दिया है. अदालत एक अगस्त को निदेशालय और सीबीआई द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया मामलों में अग्रिम जमानत की चिदंबरम की दोनों याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी. 

प्रवर्तनव निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की याचिका का उसकी विचारणायता के आधार पर विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि चिदंबरम फोरम शॉपिंग (यानी एक ही मामले में राहत पाने के लिए अलग - अलग अदालतों का दरवाजा खटाना) कर रहे हैं जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. अधिवक्ता अमित महाजन के साथ पेश हुए मेहता ने कहा कि एयरसेल - मैक्सिस मामले में चिदंबरम ने अग्रिम जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया और आईएनएक्स मीडिया मामले में राहत के लिए वह उच्च न्यायालय पहुंचे.

चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्त द्यान कृष्ण और वकील पी के दुबे ने कहा कि उन्हें मुख्य मामले में गिरफ्तारी का अंदेशा है क्योंकि सीबीआई ने कहा था कि कांग्रेस नेता से हिरासत में पूछताछ करने की जरुरत है. वकीलों ने कहा कि यह मामला उसी लेनदेन का है जिसमें सीबीआई ने भी मामला दर्ज किया था. इसमें केवल यही अंतर है कि यह याचिका निदेशालय के मामले से संबद्ध है जबकि दूसरी याचिका सीबीआई की है जिसमें चिदंबरम को पहले ही गिरफ्तार से संरक्षण मिल गया है. 

वकील अर्शदीप सिंह के जरिए दाखिल की गई याचिका में कहा गया कि निदेशालय ने इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री को कोई सम्मन नहीं भेजा लेकिन उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जारी किए गए सम्मन के मद्देनजर गिरफ्तारी का अंदेशा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स सौदा मामले में एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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