NSA अजीत डोभाल (Ajit Doval) जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद दूसरी बार घाटी पहुंचे. डोभाल ने वहां सुरक्षा हालातों का जायजा लिया. अजीत डोभाल ने श्रीनगर में एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी की. बैठक में उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति और कश्मीर घाटी में आवश्यक सेवाओं और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की. इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि आतंकवाद निरोधक अभियान में तेजी लाएं. साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को किसी भी तरह से जानमाल की क्षति नहीं पहुंचे.
Jammu & Kashmir: National Security Advisor (NSA), Ajit Doval also asked security forces to be on high alert on the borders and strengthen the counter infiltration grid in view of reports about large scale infiltration attempts. https://t.co/TVMMUTKvdQ
— ANI (@ANI) September 26, 2019
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को यहां एक दिन के दौरे पर पहुंचे डोभाल ने सुरक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं जिस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आतंकवादी समूहों से भयभीत हुए बगैर आम आदमी अपनी दिनचर्या का ठीक तरीके से पालन कर सके. इसके बाद वह राष्ट्रीय राजधानी लौट गए. सरकार द्वारा 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को प्राप्त विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के बाद डोभाल की यह घाटी की दूसरी यात्रा थी. दोनों केंद्र शासित क्षेत्र 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे और उसी दिन दोनों क्षेत्रों के पहले उपराज्यपाल शपथ ग्रहण करेंगे.
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बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने लोगों के लिए विकास योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों से कहा कि वे इसे लागू करने में तेजी लाएं. इनमें लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, कश्मीर घाटी से बाहर सेब की पेटियां भेजा जाना आदि शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि एनएसए ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि आतंकवाद निरोधक अभियान में तेजी लाएं और घाटी के कुछ हिस्से में गतिविधियां चला रहे अहम आतंकवादियों को निशाना बनाएं.
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की घोषणा करने के बाद एनएसए ने अपनी पहली यात्रा के दौरान यहां 11 दिनों तक डेरा डाला था. उस दौरान डोभाल ने सुनिश्चित किया था कि सरकार के निर्णय के बाद वहां हिंसा की कोई घटना नहीं हो. एनएसए राज्य में दैनिक आधार पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में नियंत्रण रेखा के पास तैनात सुरक्षा बलों और अंदरूनी हिस्से में तैनात सुरक्षा बलों के बीच बेहतर तालमेल हो सके.
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