रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा में बीजेपी की रैली को संबोधित किया (फाइल फोटो).
पणजी:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि कश्मीर में सेना को आतंकवादियों के उनके ऊपर गोली चलाने का इंतजार करने और ‘‘शहीद होने’’ के बजाय उन बंदूकधारियों पर गोली चलाने का पूरा अधिकार है.
बीती रात गोवा के वास्को में भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘‘जब मैंने रक्षा मंत्री का पदभार संभाला तो वो पहली चीज जो मैंने उनसे (सैनिकों से) कही वह यह थी कि अगर आप किसी भी शख्स के हाथ में मशीनगन या पिस्तौल देखें तो उससे यह उम्मीद नहीं करें कि वह आपसे ‘हलो’ करने आया है. इससे पहले कि आप शहीद हों, आपको उसे खत्म कर देना चाहिए.’’
पर्रिकर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के केंद्र में सत्ता में आने के बाद से सेना का मनोबल बढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में हमारी सेना आतंकवादियों से लड़ रही है. कांग्रेस सरकार ने उन्हें यह निर्देश दिया था कि जब तक सामने वाले की (आतंकवादियों की) ओर से उन पर गोली नहीं चलाई जाए तब तक वे जवाबी कार्रवाई नहीं करें.’’ पाकिस्तान की ओर से हो रहे जबरदस्त संघर्ष विराम उल्लंघनों की पृष्ठभूमि में पर्रिकर ने कहा कि भारतीय सैनिकों को यह पूरा अधिकार है और वे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.
पर्रिकर ने कहा, ‘‘हमारे सैनिकों को अब उन पर गोली चलाने वाले व्यक्ति पर जवाबी कार्रवाई के लिए रक्षा मंत्रालय से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. उन्हें इसका पूरा अधिकार है और वे हमारे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब भी दे रहे हैं. मुझे बहुत दुख है कि हमारे कुछ सैनिक शहीद हो गए हैं.’’
पर्रिकर ने बताया कि मंत्रालय की कार्यप्रणाली को समझने में उन्हें लगभग छह से आठ महीने का समय लगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शुरू में मैं यह नहीं समझ पाया था कि रक्षा मंत्रालय किस तरह से कार्य करता है. इसे समझने में मुझे छह से आठ महीने का समय लगा.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बीती रात गोवा के वास्को में भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘‘जब मैंने रक्षा मंत्री का पदभार संभाला तो वो पहली चीज जो मैंने उनसे (सैनिकों से) कही वह यह थी कि अगर आप किसी भी शख्स के हाथ में मशीनगन या पिस्तौल देखें तो उससे यह उम्मीद नहीं करें कि वह आपसे ‘हलो’ करने आया है. इससे पहले कि आप शहीद हों, आपको उसे खत्म कर देना चाहिए.’’
पर्रिकर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के केंद्र में सत्ता में आने के बाद से सेना का मनोबल बढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में हमारी सेना आतंकवादियों से लड़ रही है. कांग्रेस सरकार ने उन्हें यह निर्देश दिया था कि जब तक सामने वाले की (आतंकवादियों की) ओर से उन पर गोली नहीं चलाई जाए तब तक वे जवाबी कार्रवाई नहीं करें.’’ पाकिस्तान की ओर से हो रहे जबरदस्त संघर्ष विराम उल्लंघनों की पृष्ठभूमि में पर्रिकर ने कहा कि भारतीय सैनिकों को यह पूरा अधिकार है और वे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.
पर्रिकर ने कहा, ‘‘हमारे सैनिकों को अब उन पर गोली चलाने वाले व्यक्ति पर जवाबी कार्रवाई के लिए रक्षा मंत्रालय से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. उन्हें इसका पूरा अधिकार है और वे हमारे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब भी दे रहे हैं. मुझे बहुत दुख है कि हमारे कुछ सैनिक शहीद हो गए हैं.’’
पर्रिकर ने बताया कि मंत्रालय की कार्यप्रणाली को समझने में उन्हें लगभग छह से आठ महीने का समय लगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शुरू में मैं यह नहीं समझ पाया था कि रक्षा मंत्रालय किस तरह से कार्य करता है. इसे समझने में मुझे छह से आठ महीने का समय लगा.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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