आईएनएस विराट का फाइल फोटो
खास बातें
- करीब एक दशक तक देश का अकेला विमान वाहक पोत रहा
- इसे एक साहसिक पर्यटन केन्द्र या संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव
- इसे 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया
नई दिल्ली: करीब छह दशक सेवा में रहने के बाद भारत का तेजस्वी विमान वाहक पोत आईएनएस विराट शनिवार को आखिरी बार मुंबई से कोच्चि की यात्रा करने को तैयार है। इसके बाद इसे सेवा से हटा दिया जाएगा। यह 23 जुलाई को मुंबई से रवाना होकर 27 जुलाई को दक्षिणी नौसेना कमांड पहुंचेगा जहां इससे इंजन, रडार, तोप जैसे सभी मूल्यवान उपकरण हटा दिये जायेंगे।
इसके बाद इसे खींचकर वापस मुंबई लाया जाएगा जहां इसे सेवा से हटा दिया जाएगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस पोत का क्या होगा।
एक दशक से अधिक समय तक यह भारत का अकेला विमान वाहक पोत रहा है। यद्यपि इसे एक साहसिक पर्यटन केन्द्र या संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव है लेकिन इस पर रक्षा मंत्रालय द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है। मंत्रालय के विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आईएनएस विक्रांत के साथ जो हुआ, वह विराट के साथ नहीं होगा।
1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले विक्रांत को कबाड़ के तौर पर बेच दिया गया जिससे कईयों को झटका लगा। विराट ने सबसे पहले 30 से अधिक वर्षों तक ब्रिटिश नेवी की सेवा की जिसके बाद इसे भारत द्वारा खरीद लिया गया। विराट को मूल रूप से ब्रिटिश रॉयल नेवी द्वारा 18 नवंबर, 1959 को एचएमएस हरमेस के तौर पर सेवा में शामिल किया गया था। इसे 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)