कलवरी मेड इन इंडिया की तर्ज पर हिन्दुस्तान में बनी है।
मुंबई के मज़गांव डॉक में गुरुवार को कलवरी नाम की पनडुब्बी समंदर में उतारी गयी। अगले एक साल तक समंदर में ट्रायल्स के बाद सितम्बर 2016 में इसे कमिशन किया जायेगा। कलवरी मेड इन इंडिया की तर्ज पर हिन्दुस्तान में बनी है।
देश की सबसे आधुनिक पनडुब्बी है यह...
देश की अब तक की सबसे आधुनिक पनडुब्बी मानी जा रही है। इसकी लंबाई है 67 मीटर, चौड़ाई है 6.2 मीटर। कलवरी पानी में 350 मीटर की गहरायी तक जा सकती है। पानी में करीब 40 दिन तक रह सकती है। 20 नॉटिकल प्रति घंटा इसकी रफ़्तार है।
सबसे बड़ी खासियत है इसके सेफ्टी फीचर्स..
कलवरी की सबसे बड़ी खासियत है इसके सेफ्टी फीचर्स। नेवल अधिकारियों का कहना है कि यह इतनी शांत है कि दुश्मन जहाज़ के नीचे से भी अगर निकल जाए तो दुश्मन जहाज़ को इसके होने की भनक भी नहीं लगेगी। दुश्मन के सोनार और इसे 20 नॉटिकल यानी 35-40 किलोमीटर तक लोकेट नहीं किया जा सकेगा।
इसके पहले हिस्से में मिसाइल और बाकी हथियार होंगे, बीच के हिस्से में अधिकारी और जवान रहेंगे, तीसरे हिस्से में इंजन और चौथे हिस्से में मोटर है। 2020 तक ऐसी ही 5 और पनडुब्बियां समंदर में कमिशन की जानी हैं। अगले एक साल तक कलवरी की समन्दर में सी ट्रायल्स चलती रहेंगी। सितम्बर 2016 में इसे कमिशन कर दिया जाएगा।
रियर एडमिरल आर के श्रवत, ने कहा कि यह नेवी को पूरा फायदा पहुचायेगी और भारत की सुरक्षा में लगी रहेगी। यह पूरी तरह से मेड इन इंडिया के कांसेप्ट पर बनी है।
5 पनडुब्बियां और की जाएंगी कमिशन...
इस प्रोजेक्ट के तहत कलवरी जैसी 5 और पनडुब्बियां पानी में कमिशन की जाएंगी। नेवल अधिकारियों का कहना है कलवरी के साथ ये पांचों पनडुब्बियां भारत की तटीय सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।
देश की सबसे आधुनिक पनडुब्बी है यह...
देश की अब तक की सबसे आधुनिक पनडुब्बी मानी जा रही है। इसकी लंबाई है 67 मीटर, चौड़ाई है 6.2 मीटर। कलवरी पानी में 350 मीटर की गहरायी तक जा सकती है। पानी में करीब 40 दिन तक रह सकती है। 20 नॉटिकल प्रति घंटा इसकी रफ़्तार है।
सबसे बड़ी खासियत है इसके सेफ्टी फीचर्स..
कलवरी की सबसे बड़ी खासियत है इसके सेफ्टी फीचर्स। नेवल अधिकारियों का कहना है कि यह इतनी शांत है कि दुश्मन जहाज़ के नीचे से भी अगर निकल जाए तो दुश्मन जहाज़ को इसके होने की भनक भी नहीं लगेगी। दुश्मन के सोनार और इसे 20 नॉटिकल यानी 35-40 किलोमीटर तक लोकेट नहीं किया जा सकेगा।
इसके पहले हिस्से में मिसाइल और बाकी हथियार होंगे, बीच के हिस्से में अधिकारी और जवान रहेंगे, तीसरे हिस्से में इंजन और चौथे हिस्से में मोटर है। 2020 तक ऐसी ही 5 और पनडुब्बियां समंदर में कमिशन की जानी हैं। अगले एक साल तक कलवरी की समन्दर में सी ट्रायल्स चलती रहेंगी। सितम्बर 2016 में इसे कमिशन कर दिया जाएगा।
रियर एडमिरल आर के श्रवत, ने कहा कि यह नेवी को पूरा फायदा पहुचायेगी और भारत की सुरक्षा में लगी रहेगी। यह पूरी तरह से मेड इन इंडिया के कांसेप्ट पर बनी है।
5 पनडुब्बियां और की जाएंगी कमिशन...
इस प्रोजेक्ट के तहत कलवरी जैसी 5 और पनडुब्बियां पानी में कमिशन की जाएंगी। नेवल अधिकारियों का कहना है कलवरी के साथ ये पांचों पनडुब्बियां भारत की तटीय सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।