यह ख़बर 13 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

स्वीडन बाल हिरासत मामले पर कार्रवाई का आदेश : गृह मंत्रालय

खास बातें

  • गॉटलैंड में स्वीडिश अधिकारियों की हिरासत से एक अप्रवासी भारतीय माता के बेटे को मुक्त कराने के लिए गृह मंत्रालय ने प्रवासी मामलों के मंत्रालय से कार्रवाई करने को कहा हैं।
कोलकाता:

गॉटलैंड में स्वीडिश अधिकारियों की हिरासत से एक अप्रवासी भारतीय माता के बेटे को मुक्त कराने के लिए गृह मंत्रालय ने प्रवासी मामलों के मंत्रालय से कार्रवाई करने को कहा हैं। नार्वे के फोर्सड फोस्टर केयर से एक अप्रवासी दंपति के बच्चे को भारत लाने के सफल राजनयिक प्रयासों के तुरंत बाद यह कदम भी उठाया जा रहा हैं।
 
गृह मंत्रालय के अवर सचिव एसआर मीणा ने प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव को भेजे गए संदेश में एनजीओ इंडियाज स्माइल की शिकायत अग्रसारित की हैं और मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग की हैं।
 
क्रिस्टर जॉन्सन और उनकी अप्रवासी भारतीय पत्नी एनी जॉन्सन (एनी निर्मलकुमार भरोस) ने यहां के एनजीओ इंडियाज स्माइल को अपने 11 वर्षीय बेटे डोमेनिक को 2009 में स्कैडेनेवियाई राष्ट्र में बाल कल्याण सेवा द्वारा हिरासत में ले लिए जाने की जानकारी दी। इसके बाद ही यह मामला प्रकाश में आया।
 
बाल कल्याण सेवा - गॉटलैंड नगरपालिका सामाजिक कल्याण समिति ने दावा किया हैं कि डोमनिक की देखभाल स्वीडिश कानून के मुताबिक उचित तरीके से देखभाल नहीं की गई। अधिकारियों ने बच्चे की दांत में दो छिद्र का उल्लेख करते हुए जॉन्सन पर डोमनिक के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। अधिकारियों ने डोमनिक के अन्य बच्चों के साथ घुलमिल नहीं पाने का भी उल्लेख किया।
 
जॉन्सन ने बच्चे के लिए घर पर ही पढ़ने का विकल्प चुना। स्वीडन में बच्चे के लिए घर पर शिक्षा की व्यवस्था कानूनन वैध हैं। दंपति ने स्वीडिश अधिकारियों को बताया कि वे भारत की अल्पावधि की यात्रा पर जाना चाहते हैं और वहां से लौटने के बाद बच्चे की सभी चिकित्सकीय जांच व प्रक्रिया पूरी कराएंगे।
 
25 जून 2009 को जॉन्सन दंपति जब विमान में सवार हो चुके थे उस समय पुलिस वहां पहुंची और डोमनिक को अपने साथ लेकर चली गई। बच्चे को आपात फोस्टर केयर में रखा गया। तभी से वे अदालतों, थानों और कल्याण समितियों के दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं। माता-पिता को बच्चे से कभी कभार ही मुलाकात की अनुमति दी जाती हैं।
 
मीडिया से डोमनिक की रिहाई के प्रयासों में मदद की गुहार लगाते हुए एनजीओ के न्यासी सचिव राजीव सरकार ने कहा कि हताश माता-पिता तक बच्चे को पहुंचाने के लिए हम लोगों को हर संभव उपाय करना चाहिए।

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