
भारत और रूस की तीनों सेनाओं ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया.
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भारत के 900 और रूस के 100 सैनिकों ने हिस्सा लिया
आतंकी हमला होने पर दोनों देशों ने मिलकर कार्रवाई करने के गुर सीखे
दोनों देशों ने अनुभव साझा किए और एक-दूसरे की रणनीति सीखी
वैसे 2003 से दोनों देशों की सेनाओं के बीच 17 बार इन्द्रा अभ्यास हुआ है लेकिन पहली बार सेना के तीनों अंगों ने एक साथ मिलकर अभ्यास किया. भारत और रूस ने भी किसी भी देश के साथ ऐसा अभ्यास पहली बार किया है. अगर किसी तीसरे देश में आतंकी हमला होता है तो कैसे दोनों देश मिलकर कार्रवाई करेंगे, इसी के गुर दोनों देशों की सेनाओं ने आपस में सीखे और अनुभव साझा किए. एक-दूसरे की रणनीति सीखी ताकि भविष्य की चुनौती से बेहतर तरीके से निपट सकें.

आपको बता दें कि आतंक से निपटने के लिए भारत अमेरिका और चीन के साथ सैन्य अभ्यास कर चुका है लेकिन किसी के साथ सेना के तीनों अंगों ने एक साथ मिलकर अभ्यास नहीं किया था. दिल्ली में रूस के राजदूत निकोलाय ने कहा कि रूस के पाकिस्तान और भारत के साथ अभ्यास को बराबरी पर रखकर नहीं देखा जा सकता. भारत के साथ सामरिक साझेदारी है जबकि पाकिस्तान के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है. वहीं लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा कि सेना का काम है किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना और अब ये काम सरकार का है वो सेना का इस्तेमाल कहां और कैसे करती है.
VIDEO : अमेरिका और जापान के साथ अभ्यास
वैसे भी रूस भारत का पुराना और विश्वासनीय रक्षा सहयोगी रहा है. ऐसे में इस सैन्य अभ्यास के जरिए एक बार फिर दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी संबध व भरोसा और मजबूत होगा. इन्द्रा अभ्यास भविष्य में होने वाले किसी भी युद्धाभ्यास के लिए एक मिसाल होगा.
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