इंदौर (Indore) में एक सब्जी विक्रेता डॉ रायसा अंसारी ने सब्जियों के ठेले को हटाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. धाराप्रवाह अंग्रेजी में बोलते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारी सब्जी विक्रेताओं को परेशान कर रहे हैं. इस महिला ने बाद में दावा किया कि उन्होंने इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पीएचडी (PhD) की है.
मालवा मिल चौराहे पर डॉ रईसा अंसारी ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए. वायरल वीडियो में उन्होंने कहा हम लोग क्या करें, प्रधानमंत्री या कलेक्टर के घर जाकर मर जाएं या निगम के गले पड़ें? अफसर उसकी बात सुनते ही रह गए. निगम के ठेले हटाने की कार्रवाई का विरोध करते हुए डॉ रईसा ने कहा- सब्जी बेचना उसका पुश्तैनी काम है.
उन्होंने कहा कि ''हम यहां 65 साल से फल-सब्जी का कारोबार कर रहे हैं. अचानक आकर कोई हमें कैसे भगा सकता है. कभी कहते हैं, लेफ्ट, कभी कहते हैं राइट, परेशान हो गए हैं. बार-बार कहते हैं यहां से जाओ. हर फल और सब्जी वाले के परिवार में 25 से 27 लोग हैं, उनका भरण पोषण कैसे करें? कई दिनों से पानी पीकर सो रहे हैं. किसी प्रकार की आमदनी नहीं हो रही. करें तो क्या करें?''
In Indore a vegetable vendor Raisa Ansari protested against the municipal authorities when they came to remove the handcarts of vegetables.The woman later claimed that she has done Phd in Materials Science from DAVV Indore. @ndtvindia @ndtv @GargiRawat #lockdown #COVID19 pic.twitter.com/RieGffTMyP
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) July 23, 2020
यह पूछने पर कि उन्होंने बेहतर नौकरी का विकल्प क्यों नहीं चुना, उन्होंने जवाब दिया “पहला सवाल यह है कि मुझे काम कौन देगा. मुसलमानों से कोरोनो वायरस उत्पन्न होने वाली धारणा अब आम हो गई है. क्योंकि मेरा नाम रायसा अंसारी है, कोई कॉलेज या शोध संस्थान मुझे नौकरी देने के लिए तैयार नहीं है.''
बुधवार को इंदौर में कोविड -19 से 118 लोग संक्रमित मिले जिससे ज़िले में संक्रमित मरीजों की संख्या 6,457 तक पहुंच गई है.
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