
इंदौर के पांडू राव चांदने को उनके बड़े भाई और पत्नी एक्टिवा में बिठाकर दो तीन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन कहीं उनका इलाज नहीं हुआ और एमवाय अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके परिजनों ने बताया कि चांदने को 8-10 दिनों से बुखार था, सांस लेने में तकलीफ थी. इंदौर में क्लॉथ मार्केट अस्पताल ने कुछ दिनों पहले उन्हें सिर्फ दवा देकर घर भेज दिया. सोमवार को भी उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, लेकिन अस्पताल ने भर्ती नहीं किया. परिजन मंगलवार को फिर एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, जब एंबुलेंस नहीं मिली तो स्कूटी में ही उन्हें लेकर क्लॉथ मार्केट अस्पताल से एमवाय पहुंचे लेकिन तब तक सांसें साथ छोड़ चुकी थीं.
8 दिनों से बीमार पांडू चांदने को एंबुलेंस तक नहीं मिली, स्कूटी से परिजन अस्पताल लाए लेकिन बचा नहीं पाए! @ChouhanShivraj @OfficeOfKNath @ndtvindia @ndtv @manishndtv @AunindyoC @RahulGandhi pic.twitter.com/DK57XGrotJ
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) April 14, 2020
पांडू राव इंदौर के बड़वाली चौकी इलाके में रहते थे, घर में तीन बच्चे और पत्नी हैं, सीमेंट की दुकान में काम करते थे. इस मामले में सीएमएचओ, एमवाय अस्पताल के डीन से बात करने की कोशिश की गई लेकिन सबने अनभिज्ञता जताई. इस मामले में सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा, 'शिवराज सिंह जी, आप खुद जितनी तारीफ़ करना चाहें कर लीजिए, यह ताजा वीडियो आपके सपनों के शहर-इंदौर का है, जहां 3 अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद इस रोगी बच्चे को एम्बूलेंस नहीं मिली, मिली तो सिर्फ़ मौत! शव भी स्कूटी पर ! शर्म भी शर्मा रही है, मामाजी.'