नई दिल्ली:
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा कि भारत में बाघों को बचाने की कोशिश ने भारत में इस वन्यजीव की आबादी को बढ़ाकर लगभग 2500 कर दिया है। उन्होंने इस दिशा में देश में उठाए गए कदमों की सराहना की।
बाघ गलियारा को संरक्षित करने की जरूरत का जिक्र करते हुए उन्होंने बाघ गलियारों में क्षतिपूर्ति वनारोपण के लिए जमीन दिए जाने के परियोजना प्रस्तावों को बढ़ावा दिए जाने की घोषणा की।
दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में
ताजा आधिकारिक संख्या के मुताबिक भारत करीब 2226 बाघों का वास स्थल है जो विलुप्तप्राय बाघ प्रजाति की 70 फीसदी वैश्विक आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले दो साल में संख्या बढ़ी है और हमारा कच्चा आकलन है कि अभी भारत में करीब 4,500 बाघ हैं।
जावड़ेकर ने बाघ संरक्षण पर तीसरे एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन में कहा, 'यह भारत के लिए अच्छी खबर है... जो पिछले 12 साल से किए जा रहे हमारे प्रयास का नतीजा है। शिकार किए जाने को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।' उन्होंने कहा कि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनुमान के मुताबिक पिछले पांच साल में दुनिया में बाघों की आबादी 3200 से बढ़कर 3890 हो गई है जो 22 फीसदी की वृद्धि है।
सिर्फ 12 देशों के जंगलों में ही पाए जाते हैं बाघ
उन्होंने कहा कि सिर्फ 12 देशों के जंगलों में बाघ पाए जाते हैं और उनमें से छह में इनकी संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि हम सफल हो रहे हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि बाघ पारिस्थतिकी के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। बाघ संरक्षण में सफलता का अर्थ है कि पूरी पारिस्थितिकी बेहतर हो रही है। उन्होंने कहा, 'हम बाघ गलियारों का संरक्षण करने के लिए ऐतिहासिक फैसला कर रहे हैं।'
पीएम मोदी भी बाघ संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध
जावड़ेकर ने कहा, 'हमने अनाथ शावकों के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ एक अनोखा प्रयोग शुरू किया है।' बाघ संरक्षण के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता की उन्होंने सराहना की।
मंत्री ने कहा, 'गुजरात में शेरों की बढ़ती संख्या उनकी कोशिशों की गवाह है।' उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि बाघ परियोजना के लिए बजट में राशि 185 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 380 करोड़ रुपये की गई है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बाघ गलियारा को संरक्षित करने की जरूरत का जिक्र करते हुए उन्होंने बाघ गलियारों में क्षतिपूर्ति वनारोपण के लिए जमीन दिए जाने के परियोजना प्रस्तावों को बढ़ावा दिए जाने की घोषणा की।
दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में
ताजा आधिकारिक संख्या के मुताबिक भारत करीब 2226 बाघों का वास स्थल है जो विलुप्तप्राय बाघ प्रजाति की 70 फीसदी वैश्विक आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले दो साल में संख्या बढ़ी है और हमारा कच्चा आकलन है कि अभी भारत में करीब 4,500 बाघ हैं।
जावड़ेकर ने बाघ संरक्षण पर तीसरे एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन में कहा, 'यह भारत के लिए अच्छी खबर है... जो पिछले 12 साल से किए जा रहे हमारे प्रयास का नतीजा है। शिकार किए जाने को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।' उन्होंने कहा कि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनुमान के मुताबिक पिछले पांच साल में दुनिया में बाघों की आबादी 3200 से बढ़कर 3890 हो गई है जो 22 फीसदी की वृद्धि है।
सिर्फ 12 देशों के जंगलों में ही पाए जाते हैं बाघ
उन्होंने कहा कि सिर्फ 12 देशों के जंगलों में बाघ पाए जाते हैं और उनमें से छह में इनकी संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि हम सफल हो रहे हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि बाघ पारिस्थतिकी के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। बाघ संरक्षण में सफलता का अर्थ है कि पूरी पारिस्थितिकी बेहतर हो रही है। उन्होंने कहा, 'हम बाघ गलियारों का संरक्षण करने के लिए ऐतिहासिक फैसला कर रहे हैं।'
पीएम मोदी भी बाघ संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध
जावड़ेकर ने कहा, 'हमने अनाथ शावकों के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ एक अनोखा प्रयोग शुरू किया है।' बाघ संरक्षण के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता की उन्होंने सराहना की।
मंत्री ने कहा, 'गुजरात में शेरों की बढ़ती संख्या उनकी कोशिशों की गवाह है।' उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि बाघ परियोजना के लिए बजट में राशि 185 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 380 करोड़ रुपये की गई है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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