देश के चौथे नेशनल Sero सर्वे में 67.6% लोग अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के दायरे में आ चुके हैं. देश के 21 राज्यों के 70 उन्हीं जिलों में sero सर्वे किया गया जहां पहले के तीन sero सर्वे किए जा चुके हैं. मसलन अब भी देश की 40 करोड़ से ज्यादा आबादी पर संक्रमण का खतरा है. भारत के दो तिहाई आबादी में एंटीबॉडी पाया गया है, इसका मतलब कि इनमें वायरस का एक्सपोजर हो चुका है.
ICMR ने बताया कि 85 फीसदी हेल्थ केयर वर्कर को कोविड हो चुका है. अभी भी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना है. बिना जरूरी यात्रा करने से बचें. वहीं, लोग यात्रा करें जो वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं.'
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जिन 28,975 लोगों पर सर्वे किया गया उनमें 6-9 साल के 2,892, 10 से 17 साल के 5,799, 18 साल से ज्यादा : 20,984 लोग शामिल किए गए थे. 12 हजार 607 का टीकाकरण नहीं हुआ था और उनमें 62.3% एंटीबॉडी मिली. 5038 ने एक टीका लिया था और इनमें 81 % तक एंटीबॉडी मिली है. 2631 ने दोनों डोज लिया था, उनमें एंटीबॉडी 89% तक मिली है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया कि 67-68 % लोगों में एंटीबॉडी पाया गया है. ये दूसरी लहर के खत्म होने के बाद की तस्वीर को बताता है. वैक्सीन लगने से जो sero पिजिटिवि आई है वो भी बताता है.
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ICMR के डीजी बलराम भार्गव ने बताया, दो तिहाई लोगों में जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, केवल बच्चों का देखा जाए तो आधे से ज्यादा एंटीबॉडी पाई गई है. यूरोप जैसे देशों में प्राइमरी स्कूल बंद नहीं किए थे बच्चे ज्यादा प्रोटेक्टेड होते हैं. बच्चों के फेफड़ों में में ACE रिसेप्टर कम होते हैं. जहां वायरस चिपकते हैं. इसलिए स्कूल खुलते हैं तो पहले प्राइमरी स्कूल खोले जाएं. और सपोर्ट स्टाफ को देखना होगा कि वो पूरी तरह से वैक्सिनेट हों. ये निर्भर करेगा राज्य और ज़िले की पिजिटिविटी के हिसाब से.
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