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This Article is From Mar 21, 2022

यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र नवीन का पार्थिव शरीर कर्नाटक पहुंचा, CM बोम्‍मई ने दी श्रद्धांजलि 

नवीन के पार्थिव शरीर को लेकर विमान सुबह करीब  3 बजे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरा, जहां से उनके पार्थिव शरीर को कर्नाटक के हावेरी जिले में स्थित उनके पैतृक गांव भेज दिया गया. 

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सीएम बसवराज बोम्‍मई ने एयरपोर्ट पहुंचकर श्रद्धांजलि दी.

बेंगलुुरु:

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध (Russia Ukraine War) के दौरान एक मार्च को यूक्रेन के खारकीव में भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर (Naveen Shekarappa Gyanagoudar) की गोलाबारी की चपेट में आकर मौत हो गई थी. ज्ञानगौदर का शव सोमवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचा. इस दौरान उनके परिवार के सदस्‍यों के साथ कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बसवराज बोम्‍मई (Karnataka Chief Minister Basavaraj Bommai) और राज्‍य सरकार के आला अधिकारी मौजूद थे. नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर खारकीव में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था. 

परिवार के सदस्यों ने नवीन को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्‍मई ने भी पार्थिव देह पर पुष्‍पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. 

पार्थिव शरीर को लेकर विमान सुबह करीब  3 बजे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरा, जहां से उनकी पार्थिव शरीर को कर्नाटक के हावेरी जिले में स्थित उनके पैतृक गांव भेज दिया गया. बोम्मई ने हवाई अड्डे के बाहर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "मैं यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के शव को वापस लाने के प्रयास के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने उसे गोलाबारी में खो दिया."

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एमबीबीएस के छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर कर्नाटक के हावेरी जिले के रहने वाले थे. खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के 21 साल के छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर कथित तौर पर खाना खरीदने के लिए कतार में खड़े थे, इसी दौरान रूसी गोलाबारी में उनकी मौत हो गई. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने नवीन शेखरप्पा के परिवार को 25 लाख रुपये का चैक सौंपा है. साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया है. 

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इससे पहले शनिवार को नवीन के पिता शंकरप्पा ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने अपने बेटे के शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने का फैसला किया है. नवीन के पिता ने कहा, "मेरा बेटा चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ हासिल करना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कम से कम उसके शरीर का उपयोग अन्य मेडिकल छात्र पढ़ाई के लिए कर सकते हैं.  इसलिए, हमने मेडिकल रिसर्च के लिए उसका शरीर दान करने का फैसला किया है. 

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