पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिर बढ़ने के आसार, कच्चे तेल की कीमतों में आया 10 फीसदी का उछाल

रूस-यूक्रेन की वजह से अंतराष्ट्रीय कच्चे तेल (Crude Oil) बाजार में उथल-पुथल का असर क्रूड ऑयल के इंडियन बास्केट (Indian Basket) पर सीधा असर पड़ रहा है. शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्रालय की पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल (PPAC) ने कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की कीमतों के रुझान पर दो महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी किया.

पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिर बढ़ने के आसार, कच्चे तेल की कीमतों में आया 10 फीसदी का उछाल

21 अप्रैल, 2022 तक कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की औसत कीमत इस महीने 103.02 डॉलर प्रति बैरल थी.

नई दिल्ली:

रूस-यूक्रेन की वजह से अंतराष्ट्रीय कच्चे तेल (Crude Oil) बाजार में उथल-पुथल का असर क्रूड ऑयल के इंडियन बास्केट (Indian Basket) पर सीधा असर पड़ रहा है. शुक्रवार को पेट्रोलियम मंत्रालय की पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल (PPAC) ने कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की कीमतों के रुझान पर दो महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी किया. पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल के पहले रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की कीमत 20 अप्रैल के 105.51 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के रेट से 21 अप्रैल, 2022 को कुछ बढ़कर 106.14 डॉलर प्रति बैरल हो गई. इस दौरान एक्सचेंज रेट (रु./$) 76.21 रुपये रहा.

कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की कीमत 11 अप्रैल, 2022 को (रु/$) 75.96 की विनिमय दर पर 97.82 डॉलर प्रति बैरल थी. यानि पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल के आधिकारिक डेटा के मुताबिक कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की कीमत 11 अप्रैल से 21 अप्रैल, 2022 के बीच दस दिनों में 8.32 डॉलर प्रति बैरल (+8.50%) तक बढ़ गयी. इससे साफ़ है कि इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ी है.

पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल ने आपने दूसरे रिपोर्ट में कहा है कि 21 अप्रैल, 2022 तक कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की औसत कीमत इस महीने 103.02 डॉलर प्रति बैरल थी.  इस आधिकारिक आंकड़े से पता चलता है कि कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की औसत कीमत अप्रैल में ऊंचे स्तर पर बनी हुई है.

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल बाजार में उथल-पुथल जल्दी थमेगा, इसके आसार फिलहाल दिखाई नहीं देते. कच्चे तेल के इंडियन बास्केट की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से भारतीय तेल कंपनियों पर कच्चे तेल के आयात पर खर्च बढ़ रहा है. इससे पहले अप्रैल के पहले दस दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से देश में बढ़ी हुई पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों से कुछ राहत की उम्मीद बनी थी. लेकिन पिछले दस दिनों में कच्चे तेल के कीमत में 8.5% की बढ़ोतरी से बही हुई तेल की कीमतों में राहत की संभावना कम हो गयी है.

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