भारतीय वायु सेना के प्रमुख ने NDTV से कहा -लद्दाख में चीन की तरफ से घुसपैठ के प्रयास हुए हैं

दुनिया भर में जारी कोरोना संकट के बीच चीन की भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश का खुलासा हुआ है. भारतीय वायु सेना (IAF) ने कहा है कि लद्दाख के कुछ हिस्सों में चीनी उपस्थिति के संकेट देखे गए है और चीनी सैन्य हेलीकाप्टरों द्वारा घुसपैठ किए जाने को लेकर सतर्कता बरती जा रही है.

भारतीय वायु सेना के प्रमुख ने NDTV से कहा -लद्दाख में चीन की तरफ से घुसपैठ के प्रयास हुए हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

दुनिया भर में जारी कोरोना संकट के बीच चीन की भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश का खुलासा हुआ है. भारतीय वायु सेना (IAF) ने कहा है कि लद्दाख के कुछ हिस्सों में चीनी उपस्थिति के संकेट देखे गए है और चीनी सैन्य हेलीकाप्टरों द्वारा घुसपैठ किए जाने को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. ऐसा बताया जा रहा है कि उत्तर-पूर्व लद्दाख के गालवान क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक पहले भी आमने-सामने आ चुके हैं. भारतीय वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने एनडीटीवी से खास बातचीत में बताया है कि चीनी हेलीकॉप्टरों की गतिविधियों में तेजी दिखाई दी है. उन्होंने कहा, 'जब भी गतिविधि होती है, हम अपने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत निगरानी के लिए विमान तैनात करते हैं. जो कर दिया गया था. वहां ऐसा कुछ भी नहीं था जिसके बारे में हमें जानकारी न हो'

गौरतलब है कि पिछले महीने ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबर आई थी. उस वक्त उत्तरी सिक्किम और लद्दाख में पैगोंग झील के पूर्वी किनारे में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए थे. इस लड़ाई में कुछ सैनिक घायल भी हुए थे. बता दें कि गालवान नदी बेसिन से सटे नॉर्थ पैगोंग की स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय जरूर है. इस क्षेत्र में पहले भी आमने सामने आ चुके हैं. दोनों तरफ से इस क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है. 

उधर मंगलवार को चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीनी सेना की टुकड़ी उत्तरी लद्दाख में गालवान घाटी क्षेत्र में अपने बचाव को तेज कर दिया है और भारत की हालिया कार्रवाई के जवाब में आवश्यक कदम उठाए हैं, जो कि सीमा पर अवैध रूप से गालवान घाटी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में रक्षा सुविधाओं का निर्माण कर रही है"डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के बीच यह एक बड़े विवाद के संकेट माने जा सकते हैं. 

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बता दें कि साल 2017 में भारत और चीनी सेना के बीच 1962 के युद्ध के बाद बड़ा विवाद हुआ था. उस वक्त भारतीय सेना ने चीनी वर्करों को डोकलाम (सिक्किम के पूर्वी हिस्से) के पास सड़क बनाने से रोक दिया था. जिसके बाद दोनों देशों के बीच जमकर विवाद हुआ था. राष्ट्रपति जिनपिंग और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की वुहान समिट 2018 में हुई मुलाकात के 
बाद हुई थी. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में किए गए दावों पर टिप्पणी के अनुरोध के लिए न तो सेना और न ही विदेश मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया दी है. इससे पहले 15 मई को, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना ने भारत और चीन के बीच मतभेदों को कम करने का प्रयास किया था. उन्होंने कहा, "यह केवल एक या दो स्थानों पर है.