प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
विश्व बैंक का कहना है कि भारत वैश्विक उतार-चढ़ाव को झेल लेगा और कमजोर निर्यात पुनरूद्धार के बावजूद वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत को सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले देश के रूप में पुष्टि करते हुए विश्व बैंक ने अपने ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2017-18 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.0 प्रतिशत होगी। इसमें कहा गया है कि चीन धीरे-धीरे निम्न वृद्धि की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में भारत बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष वृद्धि हासिल करने वाला देश का दर्जा प्राप्त कर सकता है।
"साउथ एशिया इकोनामिक फोकस फॉल’ 2015 शीषर्क से ताजा रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि सुधारों को तेजी से क्रियान्वयन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जिंसों के दाम में अचानक आई अनुकूल कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी के रास्ते पर अग्रसर है। यह निवेश एवं औद्योगिक उत्पादन में सुधार में प्रतिबिंबित होता है, हालांकि घरेलू मोर्चे पर प्रमुख सुधारों के क्रियान्वयन में देरी, कमजोर व्यापार प्रदर्शन तथा ग्रामीण मजदूरी में वृद्धि में नरमी से वृद्धि को खतरा है।
विश्व बैंक ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में सुधार, निवेश चक्र में निरंतर पुनरूद्धार तथा खपत में लचीलेपन से देश में आर्थिक गतिविधियों में धीरे-धीरे तेजी आने की संभावना है। इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार के बुनियादी ढांचा निवेश बढ़ाने पर जोर के साथ सार्वजनिक निवेश में तेजी आने की संभावना है। निवेश में वृद्धि के साथ कुल मिलाकर वृद्धि दर 2017-18 में 7.9 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।
साथ ही सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी से निजी खपत में और वृद्धि आने का अनुमान है और इससे वृद्धि दर 2017-18 में 8.0 प्रतिशत होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार उत्पादन के मोर्चे पर निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी और इससे विनिर्माण क्षेत्र को धीरे-धीरे गति मिलेगी।
"साउथ एशिया इकोनामिक फोकस फॉल’ 2015 शीषर्क से ताजा रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि सुधारों को तेजी से क्रियान्वयन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जिंसों के दाम में अचानक आई अनुकूल कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी के रास्ते पर अग्रसर है। यह निवेश एवं औद्योगिक उत्पादन में सुधार में प्रतिबिंबित होता है, हालांकि घरेलू मोर्चे पर प्रमुख सुधारों के क्रियान्वयन में देरी, कमजोर व्यापार प्रदर्शन तथा ग्रामीण मजदूरी में वृद्धि में नरमी से वृद्धि को खतरा है।
विश्व बैंक ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में सुधार, निवेश चक्र में निरंतर पुनरूद्धार तथा खपत में लचीलेपन से देश में आर्थिक गतिविधियों में धीरे-धीरे तेजी आने की संभावना है। इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार के बुनियादी ढांचा निवेश बढ़ाने पर जोर के साथ सार्वजनिक निवेश में तेजी आने की संभावना है। निवेश में वृद्धि के साथ कुल मिलाकर वृद्धि दर 2017-18 में 7.9 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।
साथ ही सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी से निजी खपत में और वृद्धि आने का अनुमान है और इससे वृद्धि दर 2017-18 में 8.0 प्रतिशत होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार उत्पादन के मोर्चे पर निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी और इससे विनिर्माण क्षेत्र को धीरे-धीरे गति मिलेगी।
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