केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
जयपुर:
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बेहतर काम कर रही है. आने वाले पांच साल में देश में हर व्यक्ति साक्षर होगा. जावड़ेकर ने दो दिवसीय 'इंटरनेशनल फेस्टिवल आफॅ एजुकेशन' के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आजादी के समय देश की साक्षर दर 18 प्रतिशत थी जो मौजूदा समय 80 प्रतिशत के आसपास है.
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उन्होंने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति में सभी सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है. इसे पाने के लिए सरकार ने 5वीं और 8वीं कक्षाओं में परीक्षाएं फिर शुरू करने का फैसला किया है. इस निर्णय से 9वीं कक्षा में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी जो अभी करीब 20 प्रतिशत है. देश के 24 राज्यों ने इस पर सहमति भी व्यक्त कर दी है.
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जावड़ेकर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पढाई से ज्यादा सीखने पर जोर दिया गया है. सरकार हर स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेगी ताकि छात्र शिक्षा पूरी होने के बाद अपने घर में या आसपास निरक्षर व्यक्ति को पढा सके. इससे छात्र का मनोबल बढेगा साथ ही निरक्षर से साक्षर बने व्यक्ति में भी बदलाव आयेगा. जावड़ेकर ने कहा कि अगले पांच सालों में सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों का मुकाबला करने योग्य बना दिया जाएगा. शिक्षा का मूल उद्देश्य अच्छे इंसान बनाना होना चाहिए.
वीडियो: दसवीं की बोर्ड परीक्षा 2017-18 से फिर शुरू होगी
उन्होंने कहा कि सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर शोध और नवाचार होते रहने आवश्यक है. जावड़ेकर ने कहा, "केवल वे ही देश आगे बढ़ सकते हैं, जो शोध और नवाचारों को सर्वाधिक महत्व देते हैं. शिक्षा मनुष्य को ताकतवर बनाती है, जिससे हम समाज और देश में मनचाहा बदलाव ला सकते हैं.'
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उन्होंने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति में सभी सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है. इसे पाने के लिए सरकार ने 5वीं और 8वीं कक्षाओं में परीक्षाएं फिर शुरू करने का फैसला किया है. इस निर्णय से 9वीं कक्षा में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी जो अभी करीब 20 प्रतिशत है. देश के 24 राज्यों ने इस पर सहमति भी व्यक्त कर दी है.
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जावड़ेकर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पढाई से ज्यादा सीखने पर जोर दिया गया है. सरकार हर स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेगी ताकि छात्र शिक्षा पूरी होने के बाद अपने घर में या आसपास निरक्षर व्यक्ति को पढा सके. इससे छात्र का मनोबल बढेगा साथ ही निरक्षर से साक्षर बने व्यक्ति में भी बदलाव आयेगा. जावड़ेकर ने कहा कि अगले पांच सालों में सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों का मुकाबला करने योग्य बना दिया जाएगा. शिक्षा का मूल उद्देश्य अच्छे इंसान बनाना होना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर शोध और नवाचार होते रहने आवश्यक है. जावड़ेकर ने कहा, "केवल वे ही देश आगे बढ़ सकते हैं, जो शोध और नवाचारों को सर्वाधिक महत्व देते हैं. शिक्षा मनुष्य को ताकतवर बनाती है, जिससे हम समाज और देश में मनचाहा बदलाव ला सकते हैं.'
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