नई दिल्ली:
नार्वे द्वारा दो भारतीय बच्चों की वीजा अवधि बढ़ाए जाने के लिए प्रयास किए जाने पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि वे बच्चे न तो अनाथ हैं और न ही ऐसा है कि वे किसी देश के नागरिक नहीं हैं तथा उन्हें भारत का संरक्षण प्राप्त है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने यहां कहा कि बच्चे अनाथ नहीं हैं और न न ही ऐसा है कि उन्हें किसी देश की नागरिकता नहीं हैं। उन्हें भारत का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि बच्चों के आवास परमिट के विस्तार के लिए आवेदन उनके अभिभावकों की ओर से किया जाना चाहिए या भारत की ओर से होना चाहिए।
उनकी प्रतिक्रिया उन खबरों पर आयी है कि बच्चों की वीजा अवधि अगले महीने पूरी हो रही है और नार्वे के अधिकारी उसे बढ़ाए जाने का प्रयास कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रवासी दंपति सागरिका और अनुरूप भट्टाचार्य पर अपने बच्चों की ठीक से परवरिश नहीं करने का आरोप है। नार्वे के अधिकारियों ने पिछले साल मई में बच्चों को उनसे ले लिया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने यहां कहा कि बच्चे अनाथ नहीं हैं और न न ही ऐसा है कि उन्हें किसी देश की नागरिकता नहीं हैं। उन्हें भारत का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि बच्चों के आवास परमिट के विस्तार के लिए आवेदन उनके अभिभावकों की ओर से किया जाना चाहिए या भारत की ओर से होना चाहिए।
उनकी प्रतिक्रिया उन खबरों पर आयी है कि बच्चों की वीजा अवधि अगले महीने पूरी हो रही है और नार्वे के अधिकारी उसे बढ़ाए जाने का प्रयास कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रवासी दंपति सागरिका और अनुरूप भट्टाचार्य पर अपने बच्चों की ठीक से परवरिश नहीं करने का आरोप है। नार्वे के अधिकारियों ने पिछले साल मई में बच्चों को उनसे ले लिया था।
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