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This Article is From Oct 19, 2019

पेंटागन ने भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा व्यापार को लेकर किया दावा, कहा- इस साल के अंत तक 18 बिलियन डॉलर का होगा कारोबार

अमेरिका की डिफेंस अंडर सेक्रेटरी ऐलेन एम लॉर्ड कहा कि यही वजह है कि पेंटागन ने भारत के साथ अपने रक्षा सौदे को इस साल के अंत तक 18 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है.

पेंटागन ने भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा व्यापार को लेकर किया दावा, कहा- इस साल के अंत तक 18 बिलियन डॉलर का होगा कारोबार
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:

भारत-अमेरिका के बीच होने वाले अगले सप्ताह नई दिल्ली में होने वाली डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिसिएटिव (DTTI) की बैठक से पहले पेंटागन ने आज कहा कि इस साल के अंत दोनों देशों के बीच रक्षा सौदा 18 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. अमेरिका की डिफेंस अंडर सेक्रेटरी ऐलेन एम लॉर्ड ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ मिलिट्री टू मिलिट्री संबंध और सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि पेंटागन ने भारत के साथ अपने रक्षा सौदे को इस साल के अंत तक 18 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. लॉर्ड ने कहा कि अमेरिका DTTI में आने और अपने भारतीय समकक्ष से मिलने और साथ काम करने के लिए काफी उत्सुक हूं. 

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गौरतलब है कि पिछले ही साल भारत ने अमेरिका से 24 मल्टी रोल MH 60 रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर  (Multi-Role MH-60 Romeo Anti-Submarine Helicopters) की मांग की थी. रक्षा उद्योग के सूत्रों ने कहा था  कि हेलीकॉप्टर की अनुमानित कीमत 2 बिलियन डॉलर है. विशेषज्ञों का कहना था कि भारत को पिछले 1 दशक से इस खास हेलीकॉप्टर की जरूरत थी. पिछले दिनों सिंगापुर में सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस की सफल मुलाकात के बाद इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा था कि कुछ महीनों में डील फाइनल होने की उम्मीद है'. सूत्रों ने यह भी बताया था कि भारत ने अमेरिका को एक पत्र भेजा है. जिसमें तत्काल 24 मल्टी रोल एमएच 60 रोमियो सी-हॉक हेलीकॉप्टर की जरूरत बताई है. गौरतलब है कि हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में और मजबूती आई है और ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका की हाईटेक मिलिट्री हार्डवेयर के दरवाजे भारत के लिए खोलने के फैसले के बाद इसे और बल मिला था.  

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सिंगापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के बीच मुलाकात के दौरान भी द्विपक्षीय रक्षा संबंध शीर्ष एजेंडे में शामिल था. सूत्रों का कहना है कि MH 60 हेलीकॉप्टर की डील में ऑफसेट की जरूरत भी शामिल हैं. सूत्रों ने संकेत दिया है कि भारत इस डील पर लॉन्ग टर्म प्लान के साथ आगे बढ़ना चाहता है. इस प्लान में 123 हेलीकॉप्टरों का भारत में निर्माण भी शामिल है. आपको बता दें कि वर्तमान में अमेरिकी नेवी के बेड़े में शामिल एमएच 60 रोमियो सी-हॉक हेलीकॉप्टर की गणना दुनिया के सबसे अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर में होती है. रक्षा उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक इस हेलीकॉप्टर को जहाज, युद्धपोत और विमान वाहक पोत आदि से ऑपरेट किया जा सकता है. इससे भारतीय नेवी की ताकत बढ़ेगी. खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए इसकी तत्काल जरूरत है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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