
जीएसएलवी रॉकेट स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ उड़ जाएगा. (फाइल फोटो)
चेन्नई:
भारत संचार उपग्रह जीसैट-9 को अपने भारी रॉकेट भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एफ09) के जरिए पांच मई को प्रक्षेपित करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, जीसैट-9 संचार उपग्रह का प्रक्षेपण दक्षिण एशियाई देशों के कवरेज के साथ कू-बैंड में अलग-अलग संचार अनुप्रयोगों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
इसरो के अनुसार, "जीसैट-9 का निर्माण इसरो के मानक आई-2के बस के करीब किया गया है, जिसका भार 2,230 किलोग्राम है. उपग्रह की मुख्य संरचना घनाकार है, जो एक केंद्रीय सिलेंडर के चारों तरफ बना है, जिसका मिशन आयु 12 साल से ज्यादा है."
जीएसएलवी रॉकेट स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ उड़ जाएगा और इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के द्वितीय लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा. (इनपुट आईएएनएस से)
इसरो के अनुसार, "जीसैट-9 का निर्माण इसरो के मानक आई-2के बस के करीब किया गया है, जिसका भार 2,230 किलोग्राम है. उपग्रह की मुख्य संरचना घनाकार है, जो एक केंद्रीय सिलेंडर के चारों तरफ बना है, जिसका मिशन आयु 12 साल से ज्यादा है."
जीएसएलवी रॉकेट स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ उड़ जाएगा और इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के द्वितीय लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा. (इनपुट आईएएनएस से)
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