लगता है, लोगों ने बीमारी से लड़ने के लिए मास्क पहनने जैसे कदमों को तिलांजलि दे दी : डॉ हर्षवर्धन

विभिन्न राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा जारी किए गए दैनिक आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को देशव्यापी आंकड़ा 1,07,000 पार कर गया है, जो 30 जनवरी, 2020 को दर्ज किए गए पहले मामले के बाद किसी एक दिन का सर्वोच्च आंकड़ा है.

लगता है, लोगों ने बीमारी से लड़ने के लिए मास्क पहनने जैसे कदमों को तिलांजलि दे दी : डॉ हर्षवर्धन

केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर का सामना करने के लिए लोगों को एकजुट होकर साथ देना होगा...

भारत में मंगलवार को एक दिन में सबसे ज़्यादा कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामले दर्ज किए गए और आंकड़ा 1.07 लाख पार कर गया. इस बीच, केंद्र सरकार ने चेताया है कि अगले चार सप्ताह 'बेहद नाज़ुक' हैं, और महामारी की दूसरी लहर का सामना करने के लिए लोगों को एकजुट होकर साथ देना होगा.

केंद्र ने चेताया कि कोरोनावायरस इस बार पिछले साल के मुकाबले ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है, और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, 'लगता है कि लोगों ने बीमारी से लड़ने के लिए मास्क पहनने जैसे कदमों को तिलांजलि दे दी है...'

COVID-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान को गति देने के लिए सभी आयुवर्गों में टीका लगाने की शुरुआत करने की मांगों के बीच लगता है कि केंद्र सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी लोगों को टीका लगाने के योग्य घषित करने पर विचार कर रही है, जबकि फिलहाल सिर्फ 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों को ही कोरोना वैक्सीन लगाया जा रहा है.

मंगलवार को दिल्ली भी उन राज्यों में शुमार हो गया, जिन्होंने कोरोनावायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए नाइट कर्फ्यू लागू किया है. मंगलवार को ही दिल्ली में 5,100 नए केस दर्ज किए गए हैं, जो इस वर्ष का सर्वाधिक आंकड़ा है.

विभिन्न राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा जारी किए गए दैनिक आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को देशव्यापी आंकड़ा 1,07,000 पार कर गया है, जो 30 जनवरी, 2020 को दर्ज किए गए पहले मामले के बाद किसी एक दिन का सर्वोच्च आंकड़ा है. देश में एक दिन में एक लाख COVID-19 केसों का आंकड़ा तीन दिन में ही दूसरी बार एक लाख के पार चला गया है. इससे पहले, रविवार को देश में 24 घंटे के दौरान 1,03,558 नए मामले दर्ज किए गए थे.

इस बीच, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा था कि महामारी की तीव्रता बढ़ने के कारण पिछले वर्ष के मुकाबले कोविड-19 बहुत तेज गति से फैल रहा है तथा इसे देखते हुए अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं. सरकार ने संक्रमण की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी पर जोर दिया.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी.के. पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मामले तेज़ी से बढ़ने से देश में महामारी के हालत और खराब हुए हैं. 
उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने के हथियार वही हैं. कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करना, निरुद्ध क्षेत्रों की पहचान करना, जांच आदि को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए, चिकित्सा ढांचे में सुधार और टीकाकरण अभियान तेज़ी से चलाए जाने की ज़रूरत है.

डॉ पॉल ने कहा, "महामारी की तीव्रता बढ़ गई है और यह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रही है... कुछ राज्यों में यह (हालात) अन्य के मुकाबले ज्यादा खराब हैं, लेकिन बढ़ोतरी (मामलों में) देशभर में देखी जा सकती है..." 
उन्होंने कहा, "दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी अहम है... अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं... पूरे देश को एकजुट होकर महामारी से लड़ने के प्रयास करने होंगे..."

पॉल ने कहा कि कोरोनावायरस के मामलों के साथ ही मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, "इसके बावजूद जनसंख्या और प्रति दस लाख होने वाली मौतों को देखते हुए हम महामारी को नियंत्रण में करने के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं..." सरकार लगातार यह कह रही है कि जांच, संपर्क का पता लगाने में कमी तथा संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन नहीं करना और भीड़-भाड़ होने जैसे कारणों से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं.

देश में महामारी के हालत पर विस्तार से चर्चा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सोमवार को कहा था कि छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला उपचाराधीन मामलों में शीर्ष दस जिलों में शामिल है, वहीं सात जिले महाराष्ट्र में और एक कर्नाटक में हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली को एक जिला माना गया है और वह भी इस सूची में शामिल है. उन्होंने कहा कि जिन दस जिलों में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, वे हैं - पुणे, मुंबई, ठाणे, नागपुर, नासिक, बेंगलुरू शहर, औरंगाबाद, अहमदनगर, दिल्ली और दुर्ग.

स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ अभी भी चिंता वाले राज्य बने हुए हैं. महाराष्ट्र के मामले में यह संक्रमण के कुल मामलों और संक्रमण से हुई मौतों के कुल मामलों की संख्या को देखते हुए है, वहीं देशभर में संक्रमण से हुई कुल मौतों में पंजाब और छत्तीसगढ़ के मरीजों की संख्या को देखते हुए यह चिंताजनक है. भूषण ने बताया कि केंद्र ने 50 उच्चस्तरीय जन स्वास्थ्य टीमें गठित की हैं और उन्हें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में ज्यादा मामले सामने आने वाले और संक्रमण से ज्यादा मौतों वाले जिलों में तैनात किया गया है.

इन टीमों को महाराष्ट्र के 30 जिलों, छत्तीसगढ़ के 11 जिलों और पंजाब के नौ जिलों में तैनात किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 5 अप्रैल को संक्रमण-रोधी टीके की 43 लाख से ज्यादा खुराकें दी गईं, जो एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. इन्हें मिलाकर देश में सोमवार तक 8,31,10,926 खुराकें दी जा चुकी थीं. भूषण ने बताया कि इस संदर्भ में भारत में हालात काफी बेहतर है. टीकाकरण अभियान के मामले में भारत सबसे तेज चल रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत में प्रति दस लाख लोगों में संक्रमण के मामले अब भी सबसे कम हैं. भारत में प्रति दस लाख लोगों में संक्रमण के मामले 9,192 हैं, वहीं अमेरिका में यह 91,757, फ्रांस में 71,718 और ब्रिटेन में 64,216 है. वैश्विक आधार पर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर संक्रमण के 16,783 मामले हैं.

कोविड-19 पुन:संक्रमण के मामलों के बारे में ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, "हमने भारत में फिर से संक्रमण के मामलों के आंकड़ों का अध्ययन किया है... विश्व स्तर पर, फिर से संक्रमण के मामले लगभग 1 प्रतिशत हैं..." बाद में रात में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्र ने कहा है कि कुंभ मेला संक्रमण फैलाने वाला एक बड़ा आयोजन बन गया है. मंत्रालय ने इसे 'गलत और फर्जी' करार दिया. केंद्र ने पहले से ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है, जिसका पालन कुंभ मेले में किया जाना है.

VIDEO: COVID वैक्सीन को लेकर लोगों में फैलाया जा रहा है झूठ...?

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