भारत में भूटान और श्रीलंका से भी कम है ब्रॉडबैंड की पहुंच : ट्राई

भारत में भूटान और श्रीलंका से भी कम है ब्रॉडबैंड की पहुंच : ट्राई

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

दूरसंचार नियामक ट्राई के अनुसार ब्रॉडबैंड घनत्व के लिहाज से भारत को भूटान और श्रीलंका से भी नीचे रैंक मिली है और इस क्षेत्र के लिए फैसले करने के बहुस्तरीय ढांचे में आमूल चूल बदलाव की जरूरत है।

ट्राई के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘फिक्स्ड ब्रॉडबैंड घनत्व में भारत को 125वां स्थान मिला है। भूटान व श्रीलंका जैसे हमारे कई पड़ोसी भी हमसे आगे हैं। हमें इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है।’

उन्होंने ‘त्वरित ब्रॉडबैंड डिलीवरी’ पर सुझावों का ब्यौरा दिया। फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड को बढ़ावा देने के लिए ट्राई ने फिक्स्ड लाइन से अर्जित आय पर लाइसेंस शुल्क में पांच साल के लिए छूट देने का प्रस्ताव किया है। वायरलैस या मोबाइल ब्रॉडबैंड खंड में भारत को 113वें स्थान पर रखा गया है और घनत्व 3.2 प्रति 100 वासी आंका गया है।

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नियामक ने सुझाव दिया है कि ब्रॉडबैंड के प्रसार को बढ़ावा देने के लिहाज से निर्णय प्रक्रिया में शामिल सरकारी निकायों में आमूल चूल बदलाव की जरूरत है। ट्राई ने कहा है कि वायरलैस योजना आयोग (डब्ल्यूपीसी) को दूरसंचार विभाग से अलग कर स्वतंत्र संगठन बना दिया जाए।