
सत्ता में आने के छह महीने बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को चीन के साथ सीमा वार्ता पर अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया, जिससे इस स्तर पर बातचीत बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि डोभाल को चीन के साथ सीमा वार्ता एवं रणनीतिक विमर्शों के लिए भारत का विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। बयान के मुताबिक, 'यह व्यवस्था एनएसए की संपूर्ण जिम्मेदारियों का हिस्सा होगी।'
पहले भी अमूमन एनएसए, जिन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, ही चीन के साथ सीमा वार्ता पर देश के विशेष प्रतिनिधि रहे हैं। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि मई में एनएसए नियुक्त किए गए डोभाल को अब तक राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है कि नहीं। सीमा वार्ता में चीन का प्रतिनिधित्व भी एक उप-मंत्री स्तर का अधिकारी करता है।
भारत और चीन ने 2003 में विशेष प्रतिनिधियों वाली व्यवस्था शुरू की थी, ताकि सीमा विवाद का समाधान ढूंढ़ा जा सके। अब तक दोनों पक्ष 17 दौर की वार्ता कर चुके हैं, जिससे इस मामले में थोड़ी प्रगति हुई है।
अंतिम दौर की वार्ता फरवरी महीने में दिल्ली में हुई थी, जिसमें भारत की ओर से तत्कालीन एनएसए शिवशंकर मेनन और चीन की तरफ से वहां के स्टेट काउंसिलर यांग जेइची ने हिस्सा लिया था।
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