भारत ने पाकिस्तान में मंदिर में तोड़ फोड़ पर और ऐसे ही अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर दिल्ली में पाक मिशन के सामने चिंता जताई है. भारत ने कहा है कि इस मामले की जांच हो, साथ ही भारत ने रिपोर्ट भारत से साझा करने के लिए भी कहा है. भारत की तरफ से ज़िम्मेदार लोगों पर सख़्त कार्रवाई करने की मांग भी की गयी है. बताते चले कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आयी है. सूत्रों ने बताया कि (पाकिस्तान में) बार-बार हो रही इस तरह की घटनाओं और वहां अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ित किये जाने के खिलाफ विदेश मंत्रालय ने यहां पाकिस्तान उच्चायोग को अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराया है.
एक सूत्र ने बताया, ‘‘पाकिस्तान सरकार को यह भी बताया गया है कि यह पहला मौका नहीं है जब (किसी) मंदिर को क्षतिग्रस्त किया गया है. यह 1997 से होता आ रहा है. हमनें जांच रिपोर्ट मंत्रालय के साथ साझा करने को की कहा है. '' सूत्रों ने बताया कि इस बात से (पाकिस्तानी उच्चायोग को) अवगत कराया गया है कि पाकिस्तान सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि वह, अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए, अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक अधिकारों एवं सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा सहित समुदाय के लोगों की सुरक्षा और उनकी भलाई पर ध्यान देगी.
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया था कि इस हमले के सिलसिले में 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से ज्यादातर लोग एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्य हैं. खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के टेरी गांव में मंदिर पर हुए हमले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और हिंदू समुदाय के नेताओं ने कड़ी निंदा की है. इस बीच, पेशावर से प्राप्त एक खबर के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री महमूद खान ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार इस मंदिर का पुननिर्माण कराएगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने क्षतिग्रस्त मंदिर का पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया है. स्थानीय पुलिस के अनुसार इस घटना के सिलसिले में कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता रहमत सलाम खट्टक समेत 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रांतीय पुलिस प्रमुख केपीके सनाउल्लाह अब्बासी ने कहा कि प्राथमिकी में 350 से अधिक लोगों का नामजद किया गया है. अब्बासी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी में आतंकवाद से संबंधित कानून की सभी धाराओं को शामिल किया गया है. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को हमले का संज्ञान लिया था और स्थानीय अधिकारियों को अदालत में पांच जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है.
(इनपुट भाषा से भी)
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