भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर भयंकर रूप धारण कर चुकी है, पूरे देश में लगातार रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. कई राज्यों में लॉकडाउन जैसी स्थिति है, वहीं कई राज्य वीकेंड कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू जैसे रास्तों का सहारा ले रहे हैं. ICMR और कुछ दूसरी मेडिकल एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि कोरोना की दूसरी लहर मई के मध्य में अपनी पीक पर पहुंच सकती है. मंगलवार की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर को लेकर राष्ट्र को संबोधन किया. इसके पहले उन्होंने कल और सोमवार को कई अहम बैठकें की थीं. पीएम का कहना है कि राज्यों को लॉकडाउन का विकल्प सबसे आखिरी में अपनाना चाहिए. उन्होंने यह भी माना कि कोरोना की दूसरी लहर तूफान बनकर आई है.
10 बड़ी बातें
कोरोना की दूसरी लहर को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी पीक मई मध्य में दिख सकती है. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी का मौजूदा संक्रमण अगले महीने के मध्य में चरम पर पहुंच सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव उतना व्यापक नहीं होगा. देश भर में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच उन्होंने यह बात कही. उन्होंने बताया कि उनका आकलन आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) समेत विभिन्न संगठनों के शोध पर आधारित है.
पीएम मोदी ने कल अपने संबोधन में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच पिछले कुछ दिनों में लिए गए निर्णयों से कोरोनोवायरस की स्थिति में सुधार होगा. उन्होंने ऑक्सीजन की कमी पर कहा कि सरकार राज्यों में नए ऑक्सीजन प्लांट, चिकित्सा उपयोग के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन का उपयोग, ऑक्सीजन एक्सप्रेस वगैरह पर तेजी से काम कर रही है.
कर्फ्यू और लॉकडाउन को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य लॉकडाउन को आखिरी विकल्प के तौर पर ही देखें. लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है. राज्य माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ज्यादा ध्यान दें. उन्होंने युवाओं से अपने मोहल्ले, अपार्टमेंट वगैरह में छोटे स्तर पर कमेटियां बनाकर कोविड-19 को कंटेन में प्रशासन की मदद करने में सहायता देने को कहा.
अगर कल के आंकड़ों को देखें तो मंगलवार की सुबह तक देश में 2,59,170 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,53,21,089 हो गई है. इनमें से 20 लाख से अधिक मामले एक्टिव हैं. एक दिन में 1,761 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,80,530 हो चुकी है.
बता दें कि महाराष्ट्र देश में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. वहां लॉकडाउन को लेकर आज बड़ा फैसला हो सकता है. जानकारी है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज एक अहम मीटिंग करने वाले हैं, जिसमें वो लॉकडाउन को लेकर फैसला कर सकते हैं. बता दें कि पूरे महाराष्ट्र में फिलहाल वीकेंड लॉकडाउन चल रहा है.
महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से प्रतिदिन 50000 से ज्यादा नए संक्रमित मिल रहे हैं. मंगलवार को राज्य में 58,924 नए मरीज मिले थे, जबकि 351 लोगों की मौत हो गई. यहां पर मेडिकल ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा समस्या दिखाई दे रही है. मंगलवार की शाम को कई डॉक्टरों ने बताया था कि कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई खत्म होने के स्तर पर है.
वहीं, दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में 26 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन है. बीते सोमवार की रात से अगले सोमवार की सुबह तक यहां लॉकडाउन की घोषणा की गई है. दिल्ली में भी ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित है. कई अस्पतालों ने भी मंगलवार को ऑक्सीजन बस कुछ घंटों के लिए बचे होने की बात की थी.
दिल्ली में मंगलवार की शाम तक बीते एक दिन में नए मामलों की टैली ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. 24 घंटे में यहां रिकॉर्ड 28,395 नए केस मिले हैं जो कि इस महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले हैं. दिल्ली में संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर 9,05,541 हो चुका है.
अगर वैक्सीनेशन ड्राइव की बात करें तो केंद्र सरकार ने सोमवार को अपनी वैक्सीनेशन पॉलिसी में बड़े बदलाव किए हैं. वैक्सीनेशन प्रक्रिया को और लचीला बनाते हुए अब 1 मई, 2021 से 18 से ऊपर की उम्र का कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवा सकता है. अभी तक 45 की उम्र से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन लग सकती है.
वहीं अब राज्यों को यह भी छूट है कि वो वैक्सीन सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनियों से खरीद सकते हैं. कई विपक्षी नेताओं की ओर से वैक्सीन को ओपन मार्केट में लाने की अपील की गई है.